Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में ऐसे उम्मीदवार भी आते हैं जिनकी जीतने की संभावना भले ही कम हो लेकिन हौसले बुलंद होते हैं. बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है और सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारी में जी जान से जुटी है. किशनगंज जिले में विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण 11 नवंबर को होना है. हमेशा की तरह किशनगंज के छोटेलाल महतो चुनावी मैदान में उतरने के लिए कमर कस चुके है. गैस सिलेंडर पहुंचाने वाले छोटेलाल पिछले 20 सालों से लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ रहे है. उन्होंने नगर निगम चुनावों में भी अपनी किस्मत आजमाई है. वो बात अलग है कि वह अब तक जीत नहीं सके.
20 साल से लड़ रहे चुनाव
किशनगंज शहर के निवासी छोटेलाल महतो ने 23 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखा था. वह एक छोटे से घर में रहते हैं और गैस सिलेंडर पहुंचाकर अपने परिवार का पालन पोषण करते है. छोटेलाल ने बताया कि उन्होंने 2000 में 23 साल की उम्र में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया था. हालांकि उनकी उम्र के कारण उनका नामांकन खारिज कर दिया गया था. तब से वह लगातार लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
छोटेलाल ने इन दिग्गजों के खिलाफ लड़ा था चुनाव
छोटे लाल ने सीमांचल के गांधी कहे जाने वाले स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था. सिलेंडर डिलीवरी बॉय छोटेलाल महतो पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन समेत कई बड़े नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि उन्हें अभी तक जीत नहीं मिली है, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है.
छोटे लाल बताते है कि ‘मैं 2004 से लगातार चुनाव लड़ रहा हूं. मैं जीता नहीं हूं, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी है. मैं इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ूंगा. जनता मेरा भरपूर समर्थन करती है और मुझे चुनाव लड़ाने के लिए पैसे भी देती है. हम लोगों के घरों तक गैस सिलेंडर पहुंचाते हैं. जनता मेरे जैसा नेता चाहती है. इस बार हमें जरूर सफलता मिलेगी. जनता अपने वोट से मेरी जीत सुनिश्चित करेगी.’
पत्नी मुर्गी और अंडे बेचकर पैसे जुटाती
छोटे लाल कहते हैं कि जनता उन्हें चुनाव लड़ने में मदद के लिए पैसे देती है. इसके अलावा उनकी पत्नी बकरियां, मुर्गियां और अंडे बेचकर चुनाव लड़ने के लिए पैसे जुटाती हैं. छोटेलाल की पत्नी का मानना है कि समाजसेवी छोटेलाल दुख-दर्द में लोगों के साथ खड़े रहते है. उन्हें पूरा विश्वास है कि जनता उन्हें ज़रूर मौका देगी.
छोटेलाल कहते हैं कि जब तक ज़िंदा रहेंगे, चुनाव लड़ते रहेंगे. मानव सेवा उनकी प्राथमिकता है. गैस पहुंचाने के अलावा छोटेलाल ज़रूरतमंदों की मदद में भी सबसे आगे रहते हैं. उनकी सेवा देखकर जनता ने उनसे चुनाव लड़ने का आग्रह किया. तब से वे चुनाव लड़ रहे हैं. छोटेलाल कहते हैं कि अगर वे जीतते हैं. तो न सिर्फ़ गरीबों के आंसू पोछेंगे, बल्कि विकास और रोज़गार के लिए भी काम करेंगे.