कुंदन गुप्ता की रिपोर्ट, Bihar: बिहार के गया जिले के एक घर में 947 लोग रहते हैं। जी हां, यह बात हम नहीं बल्कि चुनाव आयोग का वोटर लिस्ट कहता है। दरअसल गयाजी जिले के बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र में आने वाले निदानी गांव में बूथ नंबर 161 में चुनाव आयोग ने चमत्कार कर दिखाया है। आधिकारिक वोटर लिस्ट में 947 वोटर एक ही घर मकान नंबर 6 में रहते हैं। निदानी में सैंकड़ों घर और परिवार हैं, मगर लिस्ट में पूरा गांव एक ही मकान में समा गया। निदानी गांव में एक बूथ के सभी 947 वोटर्स को एक ही मकान नंबर का निवासी दिखाया गया है और इसको लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से सवाल किया है। बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं। इस दौरान वो स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर लगातार चुनाव आयोग पर हमलावर हैं। इसी कड़ी में 28 अगस्त को उन्होंने चुनाव आयोग पर एक नया आरोप लगाया है। उनका दावा है कि बिहार में SIR के ड्राफ्ट में गया जिले के एक पूरे गांव को एक ही घर में रहते हुए दिखाया गया है।
राहुल गांधी का बड़ा दावा
राहुल गांधी का दावा कितना सच है इस पर इंडिया न्यूज ने निदानी गांव से ग्राउंड रिपोर्ट की। जब इंडिया न्यूज यहां पहुंची तो लोगों ने बताया कि इस गांव में लगभग 1500 वोटर हैं और दो बूथ हैं। एक बूथ पर 947 वोटर हैं और सभी का मकान संख्या 6 दर्शाया गया है। ग्रामीणों की माने तो बीएलओ या अन्य सरकारी कर्मियों के द्वारा भूल चुक के कारण ऐसा हुआ होगा। हम लोग पहले से ही वोट देते आ रहे हैं। चाहे तो राहुल गांधी, चुनाव आयोग या कोई अन्य यहां आकर जांच करा सकते हैं। गांव के किसी भी लोगों को मकान संख्या आवंटित नहीं है पहले भी इसी तरह काल्पनिक नंबर दर्शा दिए जाते थे। बीएलओ के लोगों से मिलने के सवाल पर गांव वालों ने बताया कि उनके बीएलओ गांव के हर एक व्यक्ति से दो-तीन बार मिले हैं और वोटर पुनरीक्षण का काम किए हैं। हो सकता है किसी कारणवश यह चूक हो गई हो। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाया है और चुनाव आयोग से सवाल किया है इस पर गांव के लोगों की माने तो अगर वह मुद्दा बना रहे हैं तो कोई भी लोग इस गांव में आकर जांच कर सकते हैं कि इस गांव में इतने वोटर हैं कि नहीं।
ग्रामीणों ने क्या बताया
गांव वालों ने बताया कि हम लोगों की तरफ से किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई है। हम लोगों ने वोटर सर्वेक्षण से जुडे कागजात बीएलओ को दे दी थी। सालों पहले गांव में मकान संख्या आवंटित होती थी लेकिन पिछले कई सालों से यह बंद है। हमारे गांव में किसी भी घर को मकान संख्या नहीं मिली है। विभाग की टीम भी यहां पहुंची थी और लोगों से इस मामले में बातचीत कर पूरे मामले की जानकारी ली है। गया के डीएम शशांक शुभंकर ने जानकारी दिया कि कई गांवों में गृह संख्या आवंटित नहीं होती है, जिसके कारण वोटर रोल में सांकेतिक गृह संख्या दी जाती है। जिन मतदाताओं का उल्लेख किया गया है, सभी गांव में मौजूद हैं, सही वोटर हैं। निदानी गांव के 161 बूथ संख्या के वोटर स्वयं स्थिति स्पष्ट कर रहे हैं।
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