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Bihar Flood: चुनाव तारीखों के बीच बिहार में बाढ़ का कहर, कई जिलों में मचा हाहाकार; चुनावी प्रक्रिया पर पड़ेगा कैसा असर?

Bihar Flood News: बिहार के मोतिहारी, सुपौल, अररिया, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा, किशनगंज, कटिहार इस वक्त बाढ़ की चपेट में है.

By: Shubahm Srivastava | Last Updated: October 6, 2025 8:46:50 PM IST



Bihar Flood News: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां अब और तेज हो जाएंगी. भारत निर्वाचन आयोग (EC) ने आज 243 सीटों के लिए मतदान की तारीखों की घोषणा कर दी है. आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस बार चुनाव दो चरणों में होंगे. सुरक्षा और चुनाव प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा. मतगणना 14 नवंबर को होगी.चुनाव की तारीखों के अलावा बिहार में बाढ़ ने भी दस्तक दे दी है. बिहार से सटे नेपाल में जोरदार बारिश का असर कई जिलों में देखने को मिल रहा है. 

बिहार में आई बाढ़ का चुनाव पर पड़ेगा असर!

मोतिहारी, सुपौल, अररिया, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा, किशनगंज, कटिहार इस वक्त बाढ़ की चपेट में है. हालात ये हो रखा है कि सैंकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है और इससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इसके अलावा बागमती, कोसी, कमला, बलान जैसी नदियां अपने उफान पर हैं.

अब इसमें गौर करने वाली बात ये है कि बाढ़ का असर चुनाव प्रक्रिया और प्रचार पर भी देखने को मिल सकता है. अगर पानी ऐसे ही बढ़ता चला गया तो इसका असर बिहार चुनाव के मतदान पर भी पड़ सकता है. इन इलाकों में राजनितिक पार्टियों को चुनाव प्रचार करने में दिक्कतों का सामना करना पडे़गा. वहीं बाढ़ के चलते जनता के अंदर भी सरकार और प्रशासन को लेकर आक्रोश देखने को मिल सकता है. 

बाढ़ के चलते लोगों को करना पड़ रहा पलायन

पूर्वी चंपारण में नेपाल की जान नदी की बाढ़ का पानी ढाका प्रखंड के कई गांवों में घुसने से स्थिति गंभीर होने लगी है. सड़कों पर पानी बह रहा है. हीरापुर से होकर आ रही बाढ़ का पानी ढाका प्रखंड क्षेत्र के हीरापुर, महगुआ, गुरहनवा, भवानीपुर, दोस्तियां, तेलहारा कला समेत कई गांवों में फैल गया है. इन गांवों के खेत जलमग्न हो गए हैं.

 गुरहनवा से हीरापुर, गुरहनवा से भवानीपुर, कुसमहवा से दोस्तियां तक ​​सड़क के ऊपर से पानी बहने से आवागमन बाधित है. सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल पानी में डूब जाने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण झंझारपुर को एनएच 57 से जोड़ने वाली संपर्क सड़क पर बने पुल पर भारी दबाव है.पुल का गर्डर डूब गया है.

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