नीतीश कुमार को नहीं छोड़ेंगे Chirag Paswan, 2020 वाला दोहराएंगे कदम, जानिए क्यों मिल रहे ऐसे संकेत!

Bihar chunav 2025: अब, चिराग पासवान ने खुद आगे आकर अपने पिता के सपनों का ज़िक्र किया है. उन्होंने 2020 का चुनाव अकेले लड़ने का भी ज़िक्र किया और "बिहार फ़र्स्ट, बिहारी फ़र्स्ट" की बात कही है.

Published by Ashish Rai

Chirag paswan: बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं और एनडीए में सीटों के बंटवारे का फ़ॉर्मूला अभी तक तय नहीं हुआ है. सभी सहयोगी दलों की माँगों के आधार पर विचार-विमर्श चल रहा है. सूत्र बताते हैं कि बाकी दलों के लिए सीटों का बंटवारा तय हो गया है, लेकिन सिर्फ़ चिराग पासवान की जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ही बची है, जिसके सीटों के बंटवारे पर अभी सहमति नहीं बन पाई है. इस बीच, पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने भी ऐसे संकेत देने शुरू कर दिए हैं जो एनडीए के लिए मुश्किलें खड़ी करते दिख रहे हैं.

दरअसल, चिराग पासवान ने एनडीए से 40 से 45 सीटों की माँग की है, लेकिन सहयोगी दलों की संख्या को देखते हुए, भाजपा उन्हें केवल 25 से 28 सीटें ही देने को मजबूर है. चिराग पासवान इससे नाखुश हैं. बड़ा सवाल यह है कि आगे क्या होगा?

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क्या चिराग पासवान एनडीए को चुनौती देने के मूड में हैं?

इस बीच, चिराग पासवान ने अपनी हालिया पोस्ट में कुछ ऐसा लिखा है जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह एनडीए और ख़ासकर नीतीश कुमार की जेडीयू के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकते हैं. अपने पोस्ट में, चिराग ने अपने पिता रामविलास पासवान को उनकी पाँचवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने यह भी लिखा, ‘पापा हमेशा से यही कहा करते थे- जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत. जीना है तो मरना सीखो. कदम-कदम पर लड़ना सीखो.’

क्या चिराग पासवान अपना 2020 वाला कदम दोहराएँगे?

चिराग पासवान के इस सोशल मीडिया पोस्ट को एनडीए के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है. क्या वह 2020 वाला कदम 2025 में दोहराएँगे? अगर आपको याद हो, तो चिराग पासवान ने बिहार की सभी विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था, जिससे नीतीश कुमार की जेडीयू के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई थीं.

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राजनीतिक जानकारों का मानना ​​है कि यह चिराग पासवान की दबाव की राजनीति है, जिसके ज़रिए वह अपनी पार्टी के लिए ज़्यादा से ज़्यादा सीटें हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. एक तरफ धर्मेंद्र प्रधान चिराग पासवान से मिलने जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ, जब भी उनसे संपर्क करने की कोशिश की जाती है, उनका फ़ोन बंद मिलता है.

चिराग पासवान के बयान से संकेत

चिराग पासवान ने अभी तक सार्वजनिक रूप से यह नहीं बताया है कि वह एनडीए से अलग होंगे या अकेले बिहार चुनाव लड़ेंगे. हालाँकि, उनके जीजा जी अरुण भारती का कहना है कि चिराग पासवान इस बार पूरे बिहार चुनाव की कमान संभाल सकते हैं. अब, चिराग पासवान ने खुद आगे आकर अपने पिता के सपनों का ज़िक्र किया है. उन्होंने 2020 का चुनाव अकेले लड़ने का भी ज़िक्र किया और “बिहार फ़र्स्ट, बिहारी फ़र्स्ट” की बात कही है.

चिराग पासवान ने क्या कहा?

मीडिया से बात करते हुए, चिराग पासवान ने कहा, “मैंने अपने पिता के सपनों को पूरा करने के सपने को कभी धूमिल नहीं होने दिया. उनके निधन के बाद विपरीत परिस्थितियाँ आईं. पार्टी को 2020 में अकेले चुनाव लड़ना पड़ाहै. मैंने उस स्थिति का डटकर सामना किया. मैंने अकेले चुनाव लड़ा. मैंने बिहार की जनता द्वारा दिए गए परिणामों का सम्मान किया. मैं बिहार फ़र्स्ट, बिहारी फ़र्स्ट के विचार को आगे बढ़ाता रहा.”

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