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Bihar Chunav: ‘मैं सब्ज़ी में नमक की तरह हूं’, चिराग पासवान के इस बयान में छिपा है बड़ा मैसेज

Bihar Chunav: बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इस सियासी जंग से पहले दोनों ही गठबंधनों में सीटों को लेकर पेंच फंसा है. महागठबंधन में जहां कांग्रेस सीटों को लेकर अड़ी है तो एनडीए में चिराग अपनी मांग से बीजेपी की टेंशन बढ़ा चुके हैं.

By: Mohammad Nematullah | Published: September 17, 2025 2:00:27 PM IST



Bihar chunav: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान जारी है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता  चिराग पासवान ने एक इंटरव्यू में कहा है कि जैसे सब्जी में नमक होता है. उन्होंने यहां तक कहा कि उनकी पार्टी का हर सीट पर 20,000 से 25,000 वोटों का प्रभाव है. चिराग पासवान का ये बयान एक अहम मैसेज देता है.

रिपोर्ट्स के अनुसार 

चिराग अपने इस बयान से एनडीए और सूबे की सत्ता में अपनी अहमियत बता रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चिराग 40 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन बीजेपी 25 से ज़्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है. खुद को नमक बताकर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ये संदेश दे रहे हैं कि वे किसी भी सब्ज़ी के लिए नमक की तरह ही ज़रूरी हैं. नमक ज़्यादा हो जाए तो सब्ज़ी खराब हो जाती है; इसी तरह, अगर सीटों को लेकर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो एनडीए के लिए संकट खड़ा हो जाएगा. चिराग ने 2020 का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ा था. उन्होंने 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और सिर्फ़ एक सीट जीत पाए थे. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में चिराग की किस्मत बदल गई. उनकी पार्टी ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी पर जीत हासिल की. ​​इस प्रदर्शन ने चिराग का मनोबल बढ़ाया. एलजेपी के वोट प्रतिशत में भी 1 परसेंट का उछाल आया.

बयानों से संदेश दे रहे चिराग

चिराग ने कहा, हमें सम्मानजनक सीटें चाहिए. मेरे दिमाग में संख्या बल और हम अच्छी सीटें चाहते हैं हालांकि, उन्होंने ये ज़रूर बताया कि लोजपा (रामविलास) औपचारिक रूप से बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन का सदस्य नहीं है. उन्होंने कहा, मैं बिहार में एनडीए सरकार का हिस्सा नहीं हूं.मैं सिर्फ़ सरकार का समर्थन कर रहा हूं. मैं सिर्फ़ केंद्र में एनडीए का हिस्सा हूं. उन्होंने एक और टिप्पणी की जिसे उनके मौजूदा सहयोगियों के लिए एक चेतावनी माना जा सकता है.उन्होंने य् भी कहा, अगर मैं असहज या बहुत महत्वाकांक्षी हूं तो मेरे पास गठबंधन से बाहर निकलने का विकल्प हमेशा मौजूद है.

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बीजेपी के लिए क्यों जरूरी है एलजेपी?

चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नेतृत्व करते हैं. वरिष्ठ राजनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद, पार्टी विभाजित हो गई. लोजपा (रामविलास) को पासवानों का समर्थन प्राप्त है, जो बिहार की आबादी का 6 प्रतिशत हिस्सा है. 2024 के आम चुनावों में, चिराग पासवान की पार्टी ने जिन पांच सीटों पर चुनाव लड़ा, उन सभी पर जीत हासिल की और 6 प्रतिशत से ज़्यादा वोट हासिल किए. रामविलास पासवान के निधन के तुरंत बाद हुए 2020 के बिहार चुनावों में, अविभाजित लोजपा ने अकेले चुनाव लड़ा. इसने एक सीट जीती, लेकिन नौ सीटों पर दूसरे स्थान पर रही, जिससे 5.6 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर हासिल हुआ और एनडीए को नुकसान हुआ. भाजपा समझती है कि चिराग पासवान इस बार और भी ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकते है.

चिराग की मांग और बीजेपी का ऑफर

चिराग सीटों को लेकर बार्गेनिंग कर रहे हैं. वे 40 सीटें चाहते हैं. बीजेपी 25 से ज़्यादा पर राज़ी नहीं है. चिराग पासवान मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं और भविष्य में केंद्र में अपनी पार्टी के लिए एक बड़ी भूमिका की मांग कर सकते हैं. बीजेपी को इस बात की भी चिंता है कि चिराग पासवान की पार्टी को बहुत ज़्यादा रियायतें देने से उसके अन्य सहयोगी दल, खासकर जदयू, नाराज़ हो सकते हैं. चिराग पासवान का नीतीश कुमार के साथ तीखे टकराव का इतिहास रहा है. चिराग पासवान की तरह, जदयू भी केंद्र सरकार में है. दोनों ही भाजपा के लिए ज़रूरी हैं. इसलिए, वह दोनों में से किसी को भी नाराज़ नहीं कर सकती. 2020 के चुनावों में, जदयू ने 243 सीटों में से 115, बीजेपी ने 110 और उसके सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने क्रमशः 11 और 8 सीटों पर चुनाव लड़ा था. भाजपा ने 74 और जदयू ने 43 सीटें जीती थीं.

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