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Bihar News: किसानों ने भूमि अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर किया जोरदार प्रदर्शन, आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने किया नेतृत्व

Bihar News: किसानों ने भूमि अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर किया जोरदार प्रदर्शन, आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने किया नेतृत्व

By: Swarnim Suprakash | Published: August 25, 2025 8:37:15 PM IST



पटना से शैलेंद्र की रिपोर्ट 
Bihar News: शाहाबाद और मगध के किसानों ने पटना में जोरदार प्रदर्शन किया। किसान भूमि अधिग्रहण में सरकार पर औने–पौने दाम में जमीन लेने का आरोप लगा रहे हैं। प्रदर्शन का नेतृत्व आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने किया। बाद में 13 सदस्यीय दल से मुझे सचिव से मिलकर अपनी 15 सूत्रीय मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। 

किसानों ने आरोप लगाया कि विकास परियोजनाओं के नाम पर सरकार औने-पौने दामों पर किसानों की ज़मीन हड़प रही है, जबकि भू-अधिग्रहण अधिनियम 2013 के अनुसार चार गुना मुआवज़े का प्रावधान है, लेकिन किसानों को 2010 की दर से मुआवज़ा देकर धोखा दिया जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किसानों का यह प्रदर्शन पटना के बुद्धा पार्क से शुरू हुआ, जिसका नेतृत्व बक्सर सांसद एवं किसान नेता सुधाकर सिंह ने किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद  सुधाकर सिंह  ने कहा कि जब तक किसानों की मांग पूरा नहीं होता हैं, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

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शांतिपूर्ण धरना पर बैठ गए किसान 

आंदोलनकारी किसान बुद्धा स्मृति पार्क से मुख्यमंत्री आवास के लिए प्रस्थान किया, लेकिन प्रशासन ने डाक बंगला चौराहे पर सभी किसानों को रोक दिया। इसके बाद सभी किसान वही पर शांतिपूर्ण धरना पर बैठ गए।    
किसानों का कहना है कि बक्सर के चौसा प्रखंड अंतर्गत बनारपुर गांव को उजाड़कर एनएच- 319 ए का निर्माण किसी भी हाल में मंजूर नहीं है। उसका रूट बदलकर कर्मनाशा नदी के किनारे से मरीन ड्राइव के रूप में बनाया जाए। वहीं, पटना जिले के बख्तियारपुर प्रखंड के गंगापुर नरौली की उपजाऊ भूमि को उद्योग के नाम पर अधिग्रहण का प्रयास भी किसानों में गहरी नाराज़गी का कारण है। प्रदर्शनकारी किसानों ने चेतावनी दी कि वे अपनी ज़मीन हर हाल में बचाएंगे – जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलेगा,हम अपनी ज़मीन नहीं देंगे। 

भारत माला परियोजना में किसानों की ज़मीन का अधिग्रहण 

किसानों की मांगों में विकास परियोजनाओं के लिए किसानों की ज़मीन की लूट बंद की जाए, और यदि अत्यावश्यक हो तो न्यूनतम भूमि अधिग्रहण किया जाए। भूमि अधिग्रहण पर वर्तमान बाजार मूल्य से चार गुना मुआवज़ा दिया जाए। भारत माला परियोजना में किसानों की ज़मीन का अधिग्रहण कानून सम्मत दर से हो। किसानों की खड़ी फसलों को उजाड़ने वाले अधिकारियों की गिरफ्तारी व मुआवज़ा। चौसा (बक्सर) में एनएच-319ए का रूट बदलकर कर्मनाशा किनारे बनाया जाए। कदवन जलाशय, सोन नहर का आधुनिकरण, उत्तर कोयल परियोजना को चालू करने, नहरों, आहर, पईन व सिंचाई परियोजनाओं को दुरुस्त कर किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाए। खेती के लिए मुफ्त बिजली दी जाए तथा पुनपुन और अन्य नदियों से सिंचाई की व्यवस्था की जाए। पेतित बीयर को ऊँचा किया जाए। गंगापुर नरौली (पटना) में ज़बरन भूमि अधिग्रहण रोका जाए।

फसलों का मुआवज़ा मिले

इसके साथ आवारा पशुओं से बर्बाद फसलों का मुआवज़ा मिले और रोकथाम हो। खाद, बीज, कीटनाशक व कृषि यंत्र की कालाबाज़ारी रोकी जाए।    स्थानीय मछुआरों को नदियों में मछली पकड़ने का अधिकार दिया जाए। खादी व ग्रामोद्योग से जुड़े लोगों के ऋण माफ कर नये ऋण उपलब्ध कराए जाएं।    सहकारिता संस्थाओं की लोकतांत्रिक संरचना बचाई जाए, मनचाही नियुक्ति व कारपोरेट हस्तक्षेप रोका जाए। गन्ने का मूल्य 800 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाए तथा किसानों का बकाया भुगतान तत्काल हो।

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मांगे नहीं मणि गई तो आंदोलन और उग्र होगा

उत्तर बिहार की नदियों में प्रभावित लोगों की राय से जलप्रबंधन कर सिंचाई सुनिश्चित की जाए। किसानों ने साफ कहा कि यदि सरकार उनकी जायज़ मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लेती है तो आंदोलन और उग्र होगा, जिसके बाद बिहार के मुख्य सचिव ने 13 सदस्यीय टीम को बुलाकर सभी से वार्ता की और आश्वासन दिया कि किसानों की मांग पर सरकार विचार करेगी। टीम का नेतृत्व सांसद सुधाकर सिंह ने किया।

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