Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान खत्म होने के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कुछविशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं ने इस बार बढ़-चढ़कर मतदान किया है. ऐसे में बिहार में नीतीश कुमार की सरकार जाने वाली है. मतलब साफ़ है कि बिहार में सत्ता परिवर्तन के साथ-साथ बदलाव होने जा रहा है. हालांकि ये सिर्फ कयास हैं पहले चरण में 121 सीटों पर 64.66 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसे एक रिकॉर्ड माना जा रहा है. इस रिकॉर्ड मतदान से ये संकेत मिल रहे हैं कि ये बदलाव मौजूदा सरकार के प्रति फिर से भरोसा जताना है या सत्ता परिवर्तन? रिकॉर्ड तोड़ मतदान से अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
पहले चरण के मतदान के बाद अब दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा. पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग के बाद मतदाताओं ने आखिर किस मुद्दे पर वोट किए. रिकॉर्ड तोड़ मतदान की बड़ी वजह कानून-व्यवस्था, विकास, रोज़गार या कुछ और थी? बीबीसी से बात करते हुए सी-वोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा कि पिछले 10-15 वर्षों के चुनावी इतिहास में ऐसा कोई सुसंगत पैटर्न नहीं देखा गया है. आगे उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि रिकॉर्ड मतदान के पीछे प्रो और एंटी इंकम्बेंसी दोनों देखने को मिले हैं. यानी कि सत्ता समर्थक और सत्ता विरोधी दोनों रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग के पीछे की बड़ी वजह हैं.
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पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने लगभग 8% अधिक किया मतदान
ये पैटर्न ये दिखाते हैं कि पुरुष बाहर काम करने वाले होते हैं. जोकि अधिकतर समय बिहार से बाहर ही रहते हैं. इसलिए पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने अधिक वोट किए. पहले चरण के आंकड़ों में एक बात स्पष्ट रूप से दिखाई देती है कि पुरुषों की तुलना में लगभग 8% अधिक महिलाओं ने मतदान किया. इस बार महिलाओं का रुझान स्पष्ट रूप से बता रहा है कि महिलाएं आज भी नीतीश कुमार के पक्ष में हैं. इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि ये न केवल 10,000 रुपये की योजना, बल्कि पिछले 20-25 वर्षों में साइकिल योजना से लेकर पीढ़ी दर पीढ़ी योजनाओं तक कई अन्य योजनाओं ने भी महिलाओं में एक स्थायी रुझान पैदा किया है.
क्या मिल रहे संकेत?
इस मुद्दे पर विशेषज्ञों का कहना है कि रिकॉर्ड मतदान को सत्ता परिवर्तन या सत्ता बरकरार रहने का सीधा संकेत नहीं माना जा सकता. वरिष्ठ पत्रकार रूही तिवारी बीबीसी से बात करते हुए बतातीं हैं कि हम यह नहीं मान सकते कि रिकॉर्ड मतदान से सत्ता बदल जाएगी, न ही हम यह मान सकते हैं कि ऐसा नहीं होगा. महिलाओं का ज्यादा संख्या में मतदान करने का मतलब यह नहीं है कि वे किसी की जीत या हार सुनिश्चित करने के लिए मतदान कर रही हैं. वे इसलिए मतदान कर रही हैं क्योंकि महिलाएं अब अपनी आवाज उठा रही हैं.
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