Home > Chunav > Bihar Politics: क्या टूट गई अखिलेश–तेजप्रताप की यारी? बिहार चुनाव से पहले सपा प्रमुख के इस कदम से बौखलाए लालू के बड़े लाल

Bihar Politics: क्या टूट गई अखिलेश–तेजप्रताप की यारी? बिहार चुनाव से पहले सपा प्रमुख के इस कदम से बौखलाए लालू के बड़े लाल

Bihar Chunav: तेज प्रताप यादव ने अखिलेश यादव से नाराज होकर उन्हें ब्लॉक कर दिया है. जिससे बिहार-उत्तर प्रदेश की राजनीति में महागठबंधन और समाजवादी पार्टी के रिश्ते पर असर पड़ सकता है. जानिये क्यों किया ब्लॉक.

By: Mohammad Nematullah | Last Updated: September 29, 2025 3:18:44 PM IST



Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में अक्सर अपने बयानों और तेवरों से सुर्खियां बटोरने वाले राजद विधायक और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज हो गए है. ये मामला  उस समय का है जब अखिलेश यादव हाल ही में पटना अधिकार यात्रा में शामिल होने के लिए बिहार दौरे पर पहुंचे थे. सूत्रों के अनुसार, तेज प्रताप ने अखिलेश यादव को कई बार फोन किया. लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. इसके अलावा, तेज प्रताप के संदेशों का भी कोई जवाब नहीं मिला. बताया जा रहा है कि इसके बाद तेज प्रताप ने अपने एक करीबी सहयोगी को इस मामले पर चर्चा करने के लिए अखिलेश यादव के होटल भेजा ताकि बातचीत हो सकें. अखिलेश ने उससे मिलने से इनकार कर दिया. इससे नाराज होकर तेज प्रताप यादव ने अखिलेश यादव को अपने फोन से ब्लॉक कर दिया.

बिहार-उत्तर प्रदेश की राजनीति में चर्चा

ये मामला अब बिहार उत्तर प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बन गई है. लालू यादव और मुलायम सिंह यादव परिवार के बीच दशकों पुराने राजनीतिक और पारिवारिक रिश्ते है. लेकिन तेज प्रताप के इस कदम को उस रिश्ते में दरार के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.

गठबंधन की राजनीति में नया समीकरण

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेज प्रताप यादव अक्सर अपनी अलग शैली और बेबाकी के लिए जाने जाते है. लेकिन तेजस्वी यादव का राजनीतिक फोकस फिलहाल भाजपा और नीतीश कुमार पर टिकी है. ऐसे में अखिलेश यादव से तेज प्रताप की नाराजगी गठबंधन की राजनीति में एक नया समीकरण बना सकती है.

महागठबंधन और समाजवादी पार्टी के बीच तालमेल पर असर

विपक्षी नेताओं का मानना ​​है कि अगर यह नाराज़गी जारी रही तो इसका असर महागठबंधन और समाजवादी पार्टी के बीच तालमेल पर पड़ सकता है. हालांकि इस मामले पर राजद की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.  फिलहाल तेज प्रताप के इस कदम से यह साफ है कि व्यक्तिगत नाराज़गी भी बड़े राजनीतिक रिश्तों पर असर डाल सकती है. देखना ये है कि क्या अखिलेश यादव इस नाराज़गी को दूर करने की कोशिश करेंगे या यह मुद्दा आगामी चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेगा.

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