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तेजस्वी की एक गलती ने महागठबंधन का किया काम खराब? शाह ने फायदा उठाकर बढ़ाई NDA की ताकत; सिर पकड़कर बैठे राहुल!

Bihar Election 2025: महागठबंधन के CM चेहरे तेजस्वी यादव एक जगह अपने लिए गड्डा खोद गए. दरअसल, तेजस्वी ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया और लगभग 27 नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया जिसके बाद पार्टी में अब अंदरूनी कलह शुरू हो गई है.

By: Heena Khan | Last Updated: October 29, 2025 11:52:40 AM IST



Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन और NDA में जोरों शोरों से तैयारियां चल रही हैं. वहीं अब चुनावी प्रचार का भी आगाज हो चुका है. महागठबंधन ने भी चुनाव की पूरी रणनीति बना ही ली है. लेकिन महागठबंधन के CM चेहरे तेजस्वी यादव एक जगह अपने लिए गड्डा खोद गए. दरअसल, तेजस्वी ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया और लगभग 27 नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया जिसके बाद पार्टी में अब अंदरूनी कलह शुरू हो गई है. अब यही बागी नेता महागठबंधन पर भारी पड़ने लगे हैं और विपक्षी दल यानी NDA ने भी इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया. जी हां बागियों को मनाने का सिलसिला जारी है. गृह मंत्री अमित शाह कई नाराज नेताओं को मनाकर पार्टी के मोर्चे पर खड़ा कर चुके हैं. इसके बावजूद भाजपा को भी कई सीटों पर बागियों से जूझना पड़ रहा है. जदयू, राजद, कांग्रेस और हम के कई बागी भी इन दलों के आधिकारिक प्रत्याशियों को अखाड़े में चुनौती दे रहे हैं. लेकिन, कितने बागी अपनी पार्टी का गणित बिगाड़ पाएंगे, यह कहना जल्दबाजी होगी.

बागियों ने बढ़ाई पार्टियों की टेंशन 

बिहार में पार्टियां बागियों से परेशान हैं. विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर, सभी प्रमुख दलों के अनुभवी नेता अकेले (निर्दलीय) मैदान में कूद पड़े हैं. इनमें से कुछ नेताओं का क्षेत्रीय प्रभाव मज़बूत है, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. कुछ तो अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों को कड़ी चुनौती दे रहे हैं (हाल ही तक). नतीजा कुछ भी हो सकता है.

NDA पर भी टूटी मुसीबत

अपनी पार्टी से बगावत करके निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने वाले पहलवान कुछ के लिए जानलेवा और विरोधियों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं. मान-मनौव्वल के बाद, कुछ भाजपा नेताओं ने अपना नामांकन वापस ले लिया, लेकिन पार्टी के बाकी पहलवान चुनावी मैदान में डटे हुए हैं. ऐसे नेताओं को छह साल तक के लिए निष्कासित कर दिया गया है. साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि बैनर का इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

तेजस्वी को लगा तगड़ा झटका 

तेजस्वी के इस एक्शन के बाद महागठबंधन की टेंशन बढ़ा दी है. दरअसल, राजद ने 27 बागियों को दल से निष्कासित किया है. इसमें एक विधायक छोटे लाल राय जदयू के टिकट पर परसा से चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि तीन नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है. विधायक मो. कामरान गोविंदपुर से निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं. वहीं महिला राजद की प्रदेश अध्यक्ष रितू जायसवाल परिहार से, सरोज यादव बड़हरा से, राजीव रंजन उर्फ पिंकु भइया जगदीशपुर से, अनिल यादव नरपतगंज से, अक्षय लाल यादव चिरैया से, रामसखा महतो चेरिया बरियारपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.

शेरघाटी से भगत यादव, संदेश से मुकेश यादव, महनार से संजय राय, दरभंगा से कुमार गौरव और राजीव कुशवाहा, जाले से महेश प्रसाद गुप्ता, मोतिहारी से पूनम देवी गुप्ता, सोनपुर से सुरेंद्र प्रसाद यादव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. डॉ. राम प्रकाश महतो कटिहार से, प्रणव प्रकाश मधेपुरा से और अफजल अली गौराबौराम से चुनाव लड़ रहे हैं.

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