Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं. वहीं अब बड़ी खबर ये आ रही है कि बलिया के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह पशुपति पारस राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) से इस्तीफा देकर लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में शामिल हो गए हैं. इतना ही नहीं बल्कि RJD नेता तेजस्वी यादव ने मोकामा के बाहुबली नेता सूरजभान सिंह को कल देर रात पार्टी में शामिल कराया. इतना ही नहीं सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी आरजेडी के टिकट पर मोकामा विधानसभा सीट से अनंत सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरी हुई हैं. इतना ही नहीं वो वीणा मुंगेर से सांसद रह चुकी हैं. खास बात ये है कि सूरजभान 2000 में जेल में रहते हुए मोकामा से पहली बार विधायक बने थे. उस समय उन्होंने अनंत के बड़े भाई और आरजेडी की राबड़ी देवी सरकार में कद्दावर मंत्री रहे दिलीप सिंह को निर्दलीय के तौर पर भारी अंतर से हराया था.
RJD में रह चुके कद्दावर नेता
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सूरजभान के परिवार में तीन पूर्व सांसद हैं और वो खुद 2004 में रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी से बेगूसराय ज़िले की बलिया सीट से सांसद रह चुके हैं. उनकी पत्नी वीणा देवी 2014 में लोजपा के टिकट पर मुंगेर लोकसभा सीट से सांसद बनीं. वहीं उनके भाई चंदन सिंह 2019 में नवादा लोकसभा सीट से लोजपा के सांसद बने. पशुपति पारस और उनकी पार्टी से जुड़े राजनीतिक संकट के कारण, सूरजभान के परिवार का कोई भी सदस्य 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाया.
चुनावी बैकग्राउंड भी मजबूत
वहीं अहम बात ये है कि सूरजभान के सांसद बनने के बाद से, अनंत सिंह मोकामा से लगातार 5 बार विधायक चुने गए हैं, और उनकी पत्नी नीलम देवी एक बार. अनंत सिंह ने मौजूदा विधायक नीलम को घर पर ही रखकर खुद चुनाव लड़ने का फैसला किया था, और नीतीश कुमार की पार्टी के टिकट पर अपना नामांकन भी दाखिल किया था. अनंत सिंह इस सीट से तीन बार जीते, पहली बार जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से, फिर एक बार निर्दलीय के तौर पर, और 2020 में राजद के टिकट पर. उनकी पत्नी नीलम देवी ने 2022 का उपचुनाव भी जीता, जो अनंत सिंह के दोषी ठहराए जाने के बाद खाली हुआ था. हालाँकि, जब 2024 में नीतीश कुमार एनडीए में वापस आए, तो उन्होंने विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान सरकार का पक्ष लिया.
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