Bihar Election 2025: बिहार में अगले दो दिन बाद पहले चरण के मतदान हैं यानी 6 नवंबर को बिहार में चुनाव होने हैं. वहीं अब भी बिहार में पक्ष-विपक्ष एक दूसरे का खेल खराब करने में लगे हुए हैं. बिहार चुनाव के बीच, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने वंशवाद की राजनीति का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया है. थरूर ने वंशवाद की राजनीति को भारतीय लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा बताया है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत वंशवाद की राजनीति के बजाय योग्यता को अपनाए. उन्होंने आगे कहा कि जब राजनीतिक सत्ता का निर्धारण योग्यता, प्रतिबद्धता या जमीनी स्तर पर जुड़ाव के बजाय वंशवाद से होता है, तो शासन की गुणवत्ता प्रभावित होती है.
थरूर के एक बयान से मचा बवाल
इतना ही नहीं थरूर के इस बयान को बिहार में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से जोड़कर देखा जा रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई है. लेकिन, थरूर के इस बयान से बहस छिड़ना तय है और यह कांग्रेस पार्टी के लिए मुसीबतों का खड़ा होना भी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शशि थरूर ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान प्रोजेक्ट सिंडिकेट के लिए एक लेख लिखा था. इसमें तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार कांग्रेस पार्टी से जुड़ा है, लेकिन राजनीतिक परिदृश्य में वंशवाद हावी है.
पहले भी जा चुके पार्टी के खिलाफ
यह पहली बार नहीं है जब थरूर ने कांग्रेस पार्टी लाइन से अलग बयान दिया हो. इससे पहले, उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष और पहलगाम हमले के बाद कूटनीतिक प्रयासों पर भी टिप्पणी की थी. इन टिप्पणियों ने भी विवाद खड़ा किया था. उस समय, उनकी टिप्पणियां कांग्रेस के रुख़ से मेल नहीं खाती थीं, और कई पार्टी नेताओं ने उनकी मंशा पर सवाल उठाए और उनकी आलोचना भी की.
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