बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ तेज़ होते ही सियासत में गर्मी तेज़ हो गई है. बारिश में भीगी भीड़ के सामने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव एक साथ मंच पर दिखाई दिए, और यहीं से चुनावी रण का असली शंखनाद सुनाई दिया. राहुल गांधी ने अपने संबोधन में सीधे बिहार के युवाओं, उनके सपनों और उनके भविष्य पर बात की और सरकार की नीतियों पर खुलकर सवाल खड़े किए. मंच से उठी ये आवाज़ सिर्फ़ एक भाषण नहीं, बल्कि आने वाले चुनावों का संकेत थी कि इस बार लड़ाई सिर्फ़ सत्ता की नहीं, नैरेटिव की भी होने वाली है.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहली बार प्रचार किया. राहुल गांधी, महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के साथ, मुजफ्फरपुर के सकरा विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करने पहुँचे. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत इस तरह की, “बारिश में यहाँ खड़े होने और इतनी दूर से आने के लिए मैं आपका तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ. आपको कैसा लग रहा है?”
“बिहार में बिहारियों का कोई भविष्य नहीं है.”
राहुल ने आगे कहा, “मैं भारत के जिस भी राज्य में जाता हूँ, जिस भी ज़िले में जाता हूँ, जहाँ भी जाता हूँ, बिहार के युवाओं से मिलता हूँ. मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूँ: आपने दिल्ली बनाई, आपकी मेहनत से बैंगलोर की सड़कें बनीं, आपने गुजरात में काम किया, आपने अपना खून-पसीना बहाया, आपने मुंबई की मदद की. भारतीय शहरों की तो बात ही छोड़िए, दुबई आपकी मेहनत से बना है. तो, अगर आप अलग-अलग राज्यों की मदद कर सकते हैं, शहर बना सकते हैं, तो बिहार में ऐसा क्यों नहीं कर सकते?” कुछ दिन पहले, मैं बिहार के 15 युवाओं से मिला. दो-तीन घंटे की बातचीत में सबने कहा, “बिहार में हमें कुछ नहीं मिल सकता. बिहारियों का बिहार में कोई भविष्य नहीं है. यही आपकी सच्चाई है.”
“अडानी जी को चंद रुपयों में ज़मीन दी जा रही है”
राहुल गांधी ने आगे कहा, “नीतीश कुमार 20 साल से यहाँ सरकार चला रहे हैं. वो खुद को अति पिछड़ा बताते हैं। मुझे बताएँ कि उन्होंने पिछले 20 सालों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के लिए क्या किया है. क्या आप ऐसी तरक्की चाहते हैं जहाँ कुछ न मिले, अडानी जी को चंद रुपयों में ज़मीन दे दी जाए और रोज़गार न मिले? हमें ऐसा बिहार नहीं चाहिए”
राहुल गांधी ने कहा, “हम ऐसा बिहार चाहते हैं जहाँ स्वास्थ्य, शिक्षा और रोज़गार हो. बिहारियों को अपना भविष्य देखना चाहिए. जैसे आज आप दूसरे राज्यों में जाते हैं, वैसे ही दूसरे राज्यों के लोग यहाँ आएँ.” इसीलिए महागठबंधन, हमारे नेता तेजस्वी जी, सहनी जी और कांग्रेस के नेता एक साथ खड़े हैं.
‘बिहार में आप चाहे जितना भी पढ़ लें, पेपर लीक हो ही जाता है’
राहुल गांधी ने कहा कि आज बिहार में रिमोट कंट्रोल भाजपा के हाथ में है. ऐसा मत सोचिए कि वहाँ अति पिछड़े वर्ग की आवाज़ सुनी जाती है. भाजपा के तीन-चार लोग इसे नियंत्रित कर रहे हैं. उनका सामाजिक न्याय से कोई लेना-देना नहीं है. मैंने लोकसभा में प्रधानमंत्री से कहा था कि आपको जातिगत जनगणना करवानी चाहिए. उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा. आपको शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरशाही और न्यायाधीशों की सूची देखनी चाहिए. भाजपा सामाजिक न्याय नहीं चाहती. मैंने उनसे कहा कि जातिगत जनगणना होने वाली है; सबको पता चल जाएगा कि किसकी कितनी आबादी है. बिहार में छात्र चाहे कितना भी पैसा खर्च करें और कितनी भी शिक्षा प्राप्त करें, पेपर लीक हो ही जाता है.