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Seat Ka Samikaran: मांझी सीट पर अब तक किसका रहा दबदबा? राजपूत समाज के हैं सबसे ज्यादा वोटर, जानें- पूरा समीकरण

Bihar Manjhi Seat Ka Samikaran: बिहार में मांझी विधानसभा सीट का गठन साल 1951 में हुआ था. पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के गिरीश तिवारी इस सीट से विधायक बने और लगातार तीन बार चुने गए. उनके बाद रामेश्वर दत्त शर्मा जैसे नेता भी कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते रहे.

By: Hasnain Alam | Published: October 10, 2025 9:07:26 PM IST



Manjhi Seat Ka Samikaran: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आज (10 अक्टूबर) से नामांकन शुरू हो गया है. इसी बीत तमाम राजनीतिक दलों की ओर से सीटों के समीकरण को साधने की कोशिश भी हो रही है. ऐसे में आज हम बात करेंगे सारण जिले में स्थित मांझी विधानसभा सीट की. मांझी विधानसभा क्षेत्र जातिगत रूप से विविधतापूर्ण है. राजपूत समुदाय यहां सबसे बड़ा मतदाता समूह है, जिसके बाद मुसलमान, यादव, भूमिहार, कुर्मी और ब्राह्मण आते हैं.

अनुसूचित जातियां भी मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा हैं. इसके अलावा कुशवाहा और कायस्थ जैसे अन्य सामाजिक समूहों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. 1951 में गठन के बाद मांझी विधानसभा क्षेत्र ने बिहार की राजनीति में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. 1952 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के गिरीश तिवारी इस सीट के पहले विधायक बने और लगातार तीन बार चुने गए. उनके बाद रामेश्वर दत्त शर्मा जैसे नेता भी कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते रहे.

2015 के चुनाव में कांग्रेस के विजय शंकर दूबे को मिली जीत

समय के साथ जनता दल, जेडीयू और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी इस सीट पर जीत दर्ज की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मतदाता लगातार राजनीतिक विकल्पों की तलाश में रहे हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विजय शंकर दूबे ने लोजपा के केशव सिंह को हराकर जीत दर्ज की.

वहीं, 2020 के चुनाव में मांझी विधानसभा क्षेत्र ने एक नया मोड़ लिया जब माकपा के सत्येंद्र यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार राणा प्रताप सिंह को हराकर पहली बार यह सीट वामपंथी दल के खाते में डाली. उन्हें राजद-कांग्रेस-वाम गठबंधन का समर्थन प्राप्त था, और सीट बंटवारे के तहत यह सीट माकपा को दी गई थी.

मांझी विधानसभा सीट में कौन-कौन से क्षेत्र?

2008 में हुए परिसीमन के बाद मांझी विधानसभा क्षेत्र का नया स्वरूप तय किया गया. इसमें जलालपुर, मांझी और बनिया ब्लॉक के कई पंचायत क्षेत्रों को शामिल किया गया, जिनमें सरबिसरया, सीतलपुर, ताजपुर, आदर्श ग्राम बरेजा, मदन साथ, घोरहट, डुमारी, जैतपुर, इनायतपुर, नासिरा, बलेशरा, दाउदपुर, लेजुआर, बंगरा, सोनबरसा, मरहान, मांझी पूर्वी, मांझी पश्चिमी, कौरू-धौरू, करही, मानिकपुरा और लौवा कला शामिल हैं.

बता दें कि बिहार में दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को चुनाव के लिए वोटिंग होगी. वहीं चुनाव के परिणाम 14 नवंबर को आएंगे.

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