Bihar Vidhansabha Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Chunav 2025) के दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होनी है. इससे पहले ही महागठबंधन की एकता में दरार देखने को मिल रही है. भागलपुर में दो ऐसी सीटें हैं, जिसके लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) आमने-सामने आ गए हैं. दोनों नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ खुलकर चुनाव प्रचार किया. एक तरफ तेजस्वी ने लोगों से अपने प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे, वहीं दूसरी तरफ राहुल ने भी कांग्रेस प्रत्याशी के लिए बिहार की जनता के लिए वोट की अपील की. इन दो सीटों पर अपना दावा ठोकने के लिए दोनों नेता जमकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं.
इन सीटों को लेकर फसा पेच
कहलगांव सीट की बात करें तो यहां बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां ने आरजेडी (RJD) ने रजनीश यादव (Rajnish Yadav) और कांग्रेस (Congress) ने अपने युवा चेहरे प्रवीण सिंह कुशवाहा को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है. गठबंधन की दो बड़ी पार्टियों के आमने-सामने आने के कारण बाकी स्थानिय कार्यकर्ताओं के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. वह असमंजस में हैं कि आखिर किस पार्टी के लिए प्रचार करना है. दोनों दलों के नेता अब एक ही मैदान पर अलग -अलग मंच पर नजर आ रहे हैं. अब गठबंधन की दो बड़ी पार्टियों के आमने-सामने आने से स्थानीय कार्यकर्ताओं में भी असमंजस की स्थिति बन गई है. कोई नहीं जानता कि अब किसके झंडे के नीचे प्रचार करें. दोनों दलों के नेता अब एक ही मैदान में अलग-अलग मंच पर जा रहे हैं, जिसने महागठबंधन के दरार को सार्वजनिक कर दिया है.
तेजस्वी-राहुल आमने-सामने
बिहार में चुनाव प्रचार की कमान इस समय राहुल गांधी ने संभाली हुई है. राहुल ने कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा, प्रवीण कुशवाहा, लल्लन यादव को प्रचार के दौरान अपने पास बुलाया और कहा कि “यह हमारे प्रत्याशी हैं, अजीत जी, कुशवाहा जी और ललन यादव जी. आप सभी इनका पूरा समर्थन करें.” वहीं दूसरी तरफ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा- “रजनीश जी को हम लोगों ने टिकट दिया है. हम सिर्फ यह कहना चाहते हैं कि एकजुट होकर लालटेन का बटन दबाकर रजनीश जी की जीत तय करें.”
महागठबंधन में टूट
दरअसल, इन सीटों पर अगले चरण में मतदान होना है. इसलिए दोनों नेता जमकर प्रचार कर रहे हैं. सुल्तानगंज और कहलगांव में तेजस्वी यादव ने राजद उम्मीदवार के लिए वोट की अपील की. वहीं राहुल गांधी ने इन्ही सीट से अपने उम्मीदवार के पक्ष में मतदान की मांग की. इससे भी ज्यादा हैरान कर देने वाली बात है कि कहलगांव और सुल्तानगंज में तेजस्वी यादव की सभा में आरजेडी और सीपीआई का झंडा नजर आया, लेकिन कांग्रेस का झंडा गायब था. इन तमाम चीजों को देखते हुए महागठबंधन में टूट की बात सियासी गलियारों में गूंज रही है. दोनों की दरार अब खुलकर सामने आ चुकी है. बता दें कि सीट बंटवारे के बाद कांग्रेस और आरजेडी इन सीटों पर फ्रेंडली फाइट का दावा कर रहे थे. लेकिन अब यह केवल फ्रेंडली फाइट नहीं दिख रही है.