Bihar Election 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री भारत रत्न जननायक पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर के गांव से बिहार चुनाव प्रचार का बिगुल फूंकेंगे. वे जननायक की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे. इसके उपरांत प्रधानमंत्री राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के गृह जिले बेगूसराय में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. अब इसी को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा हैं. उन्होने एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदा से 3 साल पूछे हैं.
पहला सवाल
जयराम रमेश ने पहला सवाल पूछते हुए लिखा कि “कर्पूरी ठाकुर जी ने 1978 में पिछड़ों को 26 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक नींव रखी थी’ क्या यह सही नहीं है कि आपकी पार्टी के वैचारिक पूर्वज जनसंघ और आरएसएस ने उनकी आरक्षण नीति का खुलकर विरोध किया था? क्या उस समय जन संघ-आरएसएस ने सड़कों पर कर्पूरी ठाकुर जी के खिलाफ अपमानजनक और घृणा से भरे नारे नहीं लगाए गए थे? क्या उस दौर में जनसंघ आरएसएस खेमे के प्रमुख नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर सरकार को अस्थिर करने और गिराने में अहम भूमिका नहीं निभाई थी? क्या प्रधानमंत्री आज उस ऐतिहासिक गलती के लिए अपने वैचारिक पूर्वजों जनसंघ और आरएसएस की ओर से माफ़ी माँगेंगे?”
दूसरा सवाल
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दूसरा सवाल पूछते हुए लिखा कि “ क्या आपने कांग्रेस पार्टी की जाति जनगणना की मांग को “अर्बन नक्सल एजेंडा” कहकर दलितों, पिछड़ों, अति-पिछड़ों और आदिवासियों के अधिकारों का अपमान नहीं किया? क्या आपकी सरकार ने संसद (20 जुलाई 2021) और सर्वोच्च न्यायालय (21 सितंबर 2021) में जाति जनगणना करने से इनकार नहीं किया? बहुसंख्यक वंचित वर्गों के करोड़ों लोगों की इस वैध मांग को आपकी सरकार ने लंबे समय तक जानबूझकर नज़रअंदाज़ किया क्या आप इससे इंकार करेंगे?”
प्रधानमंत्री आज कर्पूरी ठाकुर जी के गाँव जा रहे हैं। उनके लिए तीन सीधे सवाल –
1. कर्पूरी ठाकुर जी ने 1978 में पिछड़ों को 26 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक नींव रखी थी। क्या यह सही नहीं है कि आपकी पार्टी के वैचारिक पूर्वज -जनसंघ और आरएसएस – ने उनकी आरक्षण नीति का…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 24, 2025
तीसरा सवाल
अपने तीसरे सवाल में कांग्रेस नेता ने लिखा कि “आपने और आपके ‘ट्रबल इंजन’ सरकार ने बिहार के जातिगत सर्वे के बाद पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के आरक्षण को 65% करने के विधानसभा प्रस्ताव को 9वीं अनुसूची में क्यों नहीं डाला? कांग्रेस सरकार ने 1994 में तमिलनाडु के 69% आरक्षण को जैसे 9वीं अनुसूची में शामिल कर सुरक्षा दी थी, वैसे ही बिहार के 65% आरक्षण को सुरक्षा क्यों नहीं दी?”