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Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) के नतीजों में NDA को भारी बहुमत से जीत हासिल हुई हैं, ऐसें में अब यह सवाल खड़ा होता है कि NDA ने युवाओं से जो रोजगार का वादा किया था, उसे पूरा कर पाएंगी या नहीं. जितने भी लोग बिहार से प्रवास करते है उनका मुख्य कारण केवल रोजगार ही होता है, उत्तर प्रदेश के बाद बिहार ऐसा दूसरा राज्य हैं, जहां रोजगार के लिए लोग प्रवास करते हैं. 2025 के NDA के संकल्प पत्र में भी उन्होंने घोषणा की थी कि अगर वह जीतते हैं तो राज्य में युवाओं को 1 करोड़ सरकारी नौकरी देंगे.
2011 की जनगणना में क्या आया सामने?
2011 की जनगणना के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के बाद बिहार देश का दूसरा सबसे अधिक प्रवासी राज्य है. जनगणना के अनुसार, देश भर में 74.54 लाख प्रवासी बिहार से हैं, जो बिहार की कुल जनसंख्या का 7.2% है। इनमें से लगभग 30%, यानी 22.65 लाख, ने स्वीकार किया कि उन्हें रोज़गार के लिए अपना राज्य छोड़ना पड़ा रोज़गार ही प्रवास का मुख्य कारण था. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और दिल्ली स्थित मानव विकास संस्थान ने 2024 के लिए एक रिपोर्ट प्रकाशित की. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में, बिहार के 39% प्रवासियों ने कहा कि उन्हें रोज़गार की कमी के कारण राज्य छोड़ना पड़ा। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 से 29 वर्ष की आयु के शिक्षित बेरोज़गार युवाओं की सूची में बिहार सबसे आगे है.
कैसे होगा रोजगार का वादा पूरा?
NDA को अपने घोषणापत्र में रोज़गार से जुड़े वादों को पूरा करने के लिए एक ठोस रणनीति की ज़रूरत होगी. इसके लिए उन्हें ज़मीनी स्तर पर काम करना होगा, धन निवेश करना होगा, विदेशी निवेश आकर्षित करना होगा और कौशल विकास को बढ़ावा देना होगा. तभी वे अपने वादे पूरे कर पाएंगे. इसके अलावा, सभी दलों ने बेरोज़गारी, पलायन और शिक्षा जैसे ज़मीनी मुद्दों पर चुनाव लड़ा था। पार्टियों को अच्छी तरह पता था कि युवा ही चुनाव का नतीजा तय करेंगे.
NDA सरकार की जीत के बारे में, बिहार की जनता ने सहानुभूति के साथ उन्हें वोट दिया. उन्होंने बिहार के लिए नीतीश के योगदान को पहचाना. इसके अलावा, चुनाव से पहले महिलाओं के खातों में जमा किए गए ₹10,000 एक गेमचेंजर साबित हुए. इस बीच, युवाओं के मुद्दों को उठाने से भी एनडीए को फ़ायदा हुआ है.