Home > Chunav > बेटा, बेटी, बहू, दामाद, पत्नी…बिहार चुनाव में जमकर चला भाई-भतीजावाद; सभी पार्टियों ने अपने रिश्तेदारों को दिया टिकट

बेटा, बेटी, बहू, दामाद, पत्नी…बिहार चुनाव में जमकर चला भाई-भतीजावाद; सभी पार्टियों ने अपने रिश्तेदारों को दिया टिकट

Nepotism In Bihar Elections 2025: सभी बड़े दल—एनडीए हो या महागठबंधन—नेताओं के बेटा, बेटी, बहू, दामाद, पत्नी, भाई-भतीजे तक को टिकट दिया.

By: Shubahm Srivastava | Published: November 15, 2025 9:27:11 PM IST



Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में परिवारवाद एक बड़ी राजनीतिक हकीकत बनकर सामने आया. सभी बड़े दल—एनडीए हो या महागठबंधन—नेताओं के बेटा, बेटी, बहू, दामाद, पत्नी, भाई-भतीजे तक को टिकट दिया. कई उम्मीदवार जीते और कई को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन चुनाव में राजनीतिक परिवारों की मजबूत मौजूदगी स्पष्ट दिखाई दी.

जीतन राम मांझी ने परिवार के सदस्यों को टिकट

सबसे बड़ा प्रदर्शन हम प्रमुख जीतन राम मांझी के परिवार का रहा. उनकी बहू दीपा मांझी (इमामगंज), समधन ज्योति देवी (बाराचट्टी) और दामाद प्रफुल्ल कुमार (सिकंदरा) — तीनों चुनाव जीत गए. इसके अलावा रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेह लता ने सासाराम से जीत दर्ज की.

जदयू में भी चला परिवारवाद 

जदयू के टिकट पर कई राजनीतिक परिवारों की एंट्री हुई. बाहुबली व पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने नबीनगर से जीत हासिल की. पूर्व सांसद अरुण कुमार के पुत्र ऋतुराज घोसी से जीते. नवादा से पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी, हरलाखी से पूर्व विधायक बसंत कुशवाहा के बेटे सुधांशु शेखर और लौकहा से पूर्व मंत्री हरि शाह के बेटे सतीश शाह ने भी जीत अपने नाम की.

बिहार चुनाव में नारी शक्ति का दबदबा, नतीजों के बाद इतनी महिलाएं पहुंची विधानसभा; जानें NDA-महागठबंधन से कौन-कौन जीता?

भाजपा में भी कई परिवारिक चेहरे बने उम्मीदवार

भाजपा में भी कई परिवारिक चेहरे विजयी रहे. सुजीत सिंह (गौरा बौड़ाम) की जीत खास रही, जबकि उनकी पत्नी स्वर्णा सिंह पहले से विधायक हैं. पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी रमा निषाद ने औराई से 57,206 की भारी बढ़त से जीत दर्ज की. तारापुर से पूर्व स्पीकर शकुनी चौधरी के बेटे सम्राट चौधरी 45 हजार से अधिक वोटों से जीते. बरहरा सीट से 5 बार के विधायक रहे अंबिका शरण सिंह के बेटे राघवेंद्र प्रताप सिंह भी विजयी रहे.

पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा झंझारपुर से 50 हजार से अधिक वोटों से जीते. जमुई से श्रेयसी सिंह ने 54 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की; वे पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की पुत्री हैं. रघुनाथपुर से पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब ने भी जीत हासिल की.

राजद में भी चला परिवारवाद,  लेकिन नहीं आया काम

राजद में यादव परिवार की स्थिति मिश्रित रही. लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव राघोपुर से जीते, लेकिन बड़े बेटे तेज प्रताप यादव बुरी तरह हारकर तीसरे स्थान पर रहे. लालगंज से बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला, राजद नेता जगदानंद सिंह के बेटे आनंद सिंह, शिवानंद तिवारी के बेटे राहुल तिवारी, और कई अन्य पारिवारिक उम्मीदवार हार गए. राजद में शामिल हुए दिवंगत आरएन सिंह के पुत्र डॉ. संजीव सिंह भी पराजित हुए.

इसके अलावा मोकामा की हाई-प्रोफाइल सीट पर सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी हारीं, जबकि जदयू के अनंत सिंह ने जेल से चुनाव जीत लिया. पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी के पुत्र फराज फातमी, चिराग पासवान के भांजे सीमांत, और आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह भी चुनाव हार गईं.

पहले तेज प्रताप अब रोहिणी…क्या संजय यादव को दिखाया जाएगा पार्टी से बाहर का रास्ता? करारी हार के बाद राजद में खींचतान शुरू

Advertisement