Bihar Assembly elections 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज़ हो गई है और राजनीतिक पार्टियां अतरी सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी हैं. पिछले सात चुनावों में इस सीट पर एक ही परिवार के सदस्यों ने छाया रहा है, जिससे इसे राजनीतिक दृष्टि से खास माना जाता है. चुनावी इतिहास और लगातार जीत की कहानियों के बीच, अतरी की राजनीतिक धारा और संभावित मुकाबलों की पूरी तस्वीर जानना बेहद रोचक है.
गया बिहार के 38 जिलों में से एक है. गया जिला चार अनुमंडलों और 24 प्रखंडों में विभाजित है. जिले में दस विधानसभा सीटें हैं. इनमें गरूआ, शेरघाटी, इमामगंज (एससी), बाराचट्टी (एससी), बोधगया (एससी), गया टाउन, टिकारी, बेलागंज, अटारी और वज़ीरगंज शामिल हैं. आज “सीट समीकरण” में हम अतरी सीट पर चर्चा करेंगे. यह सीट पहली बार 1952 में अस्तित्व में आई.
2020 और 2015 के विधानसभा चुनावों के नतीजे क्या रहे?
अतरी सीट बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. 2020 के विधानसभा चुनाव में यहाँ से राजद के अजय यादव जीते थे. उन्हें कुल 62,658 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर रहीं जदयू की मनोरमा देवी को 54,727 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर रहे लोजपा उम्मीदवार अरविंद कुमार सिंह को 25,873 वोट मिले थे। नोटा कुल 4,561 वोटों के साथ पांचवें स्थान पर रहा था.
2015 के विधानसभा चुनाव में भी राजद की कुंती देवी ने जीत हासिल की थी. उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अरविंद कुमार सिंह को 13,817 वोटों के अंतर से हराया था. कुंती देवी को कुल 60,687 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर रहे अरविंद कुमार सिंह को कुल 46,870 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर रहे जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के उम्मीदवार कृष्णनंदन यादव को 9,603 वोट मिले.
2025 का चुनाव कैसा होगा?
1951 में अपनी स्थापना के बाद से, अतरी में 17 चुनाव हुए हैं, जिनमें से कांग्रेस ने छह बार (आखिरी बार 1990 में) जीत हासिल की है. राजद ने पाँच बार, निर्दलीय उम्मीदवारों ने दो बार, जबकि भारतीय जनसंघ (अब भाजपा), जनता पार्टी, जनता दल और जदयू ने एक-एक बार जीत हासिल की है. वर्तमान में, राजद यहाँ मज़बूत स्थिति में है और उसने 2015 और 2020 दोनों चुनावों में जीत हासिल की है.
यह देखना बाकी है कि इस बार बिहार की जनता किस पार्टी पर अपना भरोसा जताती है. यह चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि एक नया राजनीतिक दल, जनसुराज, भी अपनी किस्मत आजमा रहा है.

