Who is Naxal Leader Devji: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों के लगातार और बड़े ऑपरेशनों से माओवादियों की कमर टूटती दिखाई दे रही है. 18 नवंबर की सुबह छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने भीषण मुठभेड़ में छह नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें चर्चित नक्सली कमांडर हिड़मा की मौत की पुष्टि हुई. इसके अगले ही दिन सुबह हुए एक और ऑपरेशन में सात नक्सली मारे गए.
इनमें शीर्ष स्तर के नक्सली नेता देवजी के मारे जाने की चर्चा है, हालांकि सुरक्षा एजेंसियों की ओर से कोई औपचारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है. मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है. मारे गए नक्सलियों में से चार की पहचान हो चुकी है और तीन की पहचान की प्रक्रिया जारी है.
कौन है देवजी ?
देवजी, जिनका वास्तविक नाम थिप्पिरी तिरुपति है, भारत के सबसे कुख्यात और प्रभावशाली माओवादी नेताओं में से एक माना जाता है. उनका जन्म तेलंगाना के करीमनगर (अब जगित्याल) जिले के कोरुटला क्षेत्र में एक गरीब दलित परिवार में हुआ था. उम्र लगभग 62 वर्ष बताई जाती है. संगठन के भीतर वह कई नामों से जाने जाते थे—देवजी, संजीव, चेतन, पल्लव, सुदर्शन आदि.
1980 के दशक में इंटरमीडिएट तक पढ़ाई करने के बाद वह रैडिकल स्टूडेंट्स यूनियन (RSU) से जुड़े, जो उस समय नक्सलवाद का मजबूत छात्र संगठन था. तेज दिमाग और रणनीतिक निर्णय क्षमता के कारण उन्होंने संगठन में बहुत जल्दी ऊंचा स्थान हासिल किया. उन्होंने माओवादियों की मिलिट्री इंटेलिजेंस विंग की कमान संभाली, फिर सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के प्रमुख बने और बाद में पोलित ब्यूरो के सदस्य भी बने.
2025 में शीर्ष माओवादी नेता बसवराजू के मारे जाने के बाद देवजी को CPI (माओवादी) का महासचिव नियुक्त किया गया. दक्षिण भारत में गुरिल्ला जोन की संरचना तैयार करने का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है. उन पर कई बड़े हमलों की जिम्मेदारी है और उन पर राज्य व केंद्र सरकारों ने भारी इनाम घोषित कर रखा था.
गोवा से लेकर बंगाल तक फैला हुआ है नाम
नवंबर 2025 में आंध्र प्रदेश पुलिस ने डेढ़ दशक से फरार देवजी को उनके मुख्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया था. यह सुरक्षा बलों के लिए बहुत बड़ी सफलता मानी गई, क्योंकि देवजी अत्यंत सतर्क, लो-प्रोफाइल और लगातार स्थान बदलने वाले नेताओं में से थे. उनकी गिरफ्तारी और संभावित मौत से माओवादी संगठन की केंद्रीय कमान कमजोर होती जा रही है.
देवजी ने गोवा, केरल से लेकर पश्चिम बंगाल तक कई आंदोलनों और हिंसक अभियानों का नेतृत्व किया. उनकी क्रूर रणनीतियां, तेज फैसले और गुप्त गतिविधियाँ उन्हें संगठन के सबसे डरावने और प्रभावशाली नेताओं में शामिल करती हैं.