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एक्शन मोड में ED…JP इंफ्राटेक के एमडी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई; 12000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे Manoj Gaur

JP Infrastructure Limited: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने आज जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के एमडी मनोज गौड़ को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें कथित धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरेस्ट किया गया है.

By: Preeti Rajput | Published: November 13, 2025 1:33:08 PM IST



ED arrests Jaypee Infratech MD Manoj Gaur : जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Jaypee Infrastructure Limited) के एमडी मनोज गौड़ (Manoj Gaur) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने आज गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है. मनोज गौड़ पर कथित धोखाधड़ी और घर खरीदारों के पैसे की हेराफेरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यह कार्रवाई की गई है. ईडी के अधिकारियों ने बताया कि उनके खिलाफ कार्रवाई कथिक धोखाधड़ी मामले से संबंधित है. 

गिरफ्तार हुए एमडी मनोज गौड़

दरअसल, ईडी का आरोप है कि जेपी इंफ्राटेक, जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड और रियल एस्टेट कंपनियों ने लोगों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है. कंपनी ने घर खरीदारों और निवेशकों का पैसा लेकर उन्हें अभी तक फ्लैट नहीं दिया है. बल्कि उनसे लिए गए पैसों को दूसरे प्रोजेक्ट्स में लगा दिया गया है. जिससेस घर खरीदारों को काफी नुकसान हुआ है. ईडी ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के एमडी मनोज गौड़ के जरिए लगभग 12,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. इसी सिलसिले में बीते दिन ईडी की टीम ने दिल्ली और मुंबई समेत 12 जगहों पर छापेमारी भी की है. टीम नोएडा के 128 सेक्टर में स्थित जेपी बिल्डर के मार्केटिंग ऑफिस भी पहुंची थी. 

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धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज 

बता दें कि 1981 में जयप्रकाश गौड़ ने इस कंपनी की शुरूआत की थी. इस मामले में जांच साल 2017 में घर खरीदारों के विरोध के बाद दर्ज की गई FIR के बाद की गई. इन एफआईआर में जेपी ग्रुप पर षडयंत्र, धोखाधड़ी और बेईमानी के आरोप लगाए थे. साथ ही दावा किया गया था कि उनसे लिया गया धन दूसरे प्रोजेक्ट में लगाया जा रहा है. ईडी के मुताबिक,  जेपी विशटाउन और जेपी ग्रीन्स जैसी प्रमुख परियोजनाओं के लिए एकत्रित की गई धनराशि शामिल हैं. कंपनी ने खरीदारों से घर देने का वादा किया था. लेकिन उन्हें घर आजतक नहीं मिले. इनमें कई फ्लैट साल 2010-2011 में ही बिक चुके थे. लेकिन निमार्ण में देरी के कारण निवेशकों को सालों तक घर नहीं मिले.  

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