TDS vs PF: अगर आप कहीं प्राइवेट नौकरी ज्वाइन करते हैं तो आपको इस बात की जानकारी नहीं होती है कि आखिर सैलरी के साथ टीडीएस कटवाना बेहतर होता है या पीएफ. अगर आपके मन में भी कोई समस्या है तो आज हम आपकी इस शंका को पूरी तरह से दूर कर देंगे. हर नए कर्मचारी के लिए यह सवाल उठ सकता है कि स्रोत पर कर कटौती (TDS) या भविष्य निधि (PF) में से कौन सी कटौती बेहतर है. भारत में ज्यादातर संगठन एक ऐसा वेतन ढांचा प्रदान करते हैं, जिसमें पीएफ कटौती अनिवार्य होती है. हालांकि, किसी व्यक्ति को टीडीएस कटौती और पीएफ कटौती में से चुनने का विकल्प दिया जा सकता है. अगर किसी दिन कोई कर्मचारी खुद को ऐसी स्थिति में पाता है, तो उसे कौन सा ढांचा चुनना चाहिए?
टीडीएस क्या है? (What is TDS?)
टीडीएस राशि वेतन से की जाने वाली कर कटौती है. यह एक प्रकार का पूर्व-भुगतान कर है, जहां कर रिटर्न दाखिल करते समय काटी गई राशि को कुल कर देयता में समायोजित किया जाता है. यह आय के स्रोत पर कर एकत्र करने का एक तरीका है. यदि अतिरिक्त टीडीएस काटा गया है, तो करदाता धनवापसी का दावा कर सकता है.
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पीएफ क्या है? (What is PF?)
पीएफ एक प्रकार की सेवानिवृत्ति बचत योजना है, जिसमें नियोक्ता और कर्मचारी दोनों अपने वेतन का एक निश्चित प्रतिशत सेवानिवृत्ति निधि में जमा करते हैं. यह कर्मचारी को एक सुरक्षित सेवानिवृत्ति बचत योजना प्रदान करता है. आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत पीएफ अंशदान पर कर लाभ का दावा किया जा सकता है (1.5 लाख रुपये की सीमा तक). पीएफ पर अर्जित ब्याज कर-मुक्त होता है यदि राशि 5 वर्ष या उससे अधिक समय तक रखी जाती है.
टीडीएस और पीएफ में कौन बेहतर है? (Which is better TDS or PF?)
टीडीएस कटौती पर बहुत ज्यादा निर्भर रहने से अनुपालन तो सुनिश्चित हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्य नजरअंदाज हो सकते हैं. टीडीएस समय पर कर भुगतान सुनिश्चित करता है, लेकिन यह सेवानिवृत्ति बचत या निवेश वृद्धि को बेहतर बनाने में मदद नहीं करता है. तो वहीं, दूसरी तरफ पीएफ आपके लिए भविष्य में लाभदायक साबित हो सकता है. सरकार द्वारा पीएफ में जमा किए गए पैसे में एक निश्चित दरों में ब्याज दिया जाता है, जो कर्मचारियों के लिए लाभदायक हो सकता है.
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अन्य वेतन घटक
मूल वेतन (Basic Pay)
कंपनी को आपकी लागत (CTC) का लगभग 40 से 50 प्रतिशत आपके मूल वेतन के बराबर होता है. इसलिए आपका मूल वेतन कर योग्य है, जो कर प्रभावों की गणना करते समय एक निर्णायक कारक बनता है.
भत्ते (allowances)
ये कर्मचारियों को उनके विविध खर्चों को पूरा करने के लिए उनके मूल वेतन के अतिरिक्त दिए जाने वाले लाभ हैं. इस संरचना के सबसे आम घटकों में मकान किराया भत्ता (HRA) और अवकाश यात्रा भत्ता (LTA) शामिल हैं.
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