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लंदन में चांदी की कमी से मिली राहत, अमेरिका और चीन से लाखों टन सिल्वर ने किल्लत को किया कम

अमेरिका और चीन से लंदन में बड़ी चांदी आपूर्ति ने बाजार की किल्लत को कम किया. भारत में मांग बढ़ने से कीमतें ऊंची हैं, लेकिन लंदन में हाल ही में राहत मिली है.

By: sanskritij jaipuria | Published: October 21, 2025 10:57:57 AM IST



हाल ही में अमेरिका और चीन से लंदन के बाजार में आई भारी मात्रा में चांदी की आपूर्ति ने वहां की नकदी संकट (liquidity crunch) को काफी हद तक कम कर दिया है. ये राहत ऐसे समय में आई है जब लंदन की चांदी बाजार में भारी दबाव और कीमतों में तेजी देखी जा रही थी.

पिछले कुछ समय से लंदन में चांदी की उपलब्धता बहुत कम हो गई थी. इसकी वजह से वहां चांदी की कीमतें अमेरिकी कॉमेक्स (COMEX) वायदा कीमतों से भी ज्यादा हो गई थीं. आमतौर पर हवाई मार्ग से चांदी भेजना महंगा पड़ता है और ये तरीका सोने जैसे महंगे धातुओं के लिए ही उपयोग में लाया जाता है. लेकिन इस बार प्रॉफिट कमाने के लिए व्यापारी चांदी को भी हवाई जहाज से भेजने लगे.

 अमेरिका और चीन से लंदन पहुंची चांदी

विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले एक हफ्ते में अमेरिका से करीब 1.5 से 2 करोड़ ट्रॉय आउंस (लगभग 311 से 467 मीट्रिक टन) चांदी लंदन के बाजार में भेजी गई है. वहीं एक अन्य सूत्र का कहना है कि अमेरिका और चीन से मिलाकर कुल 1000 टन से ज्यादा चांदी लंदन के वॉल्ट्स (तिजोरियों) में पहुंची है.

 कीमतों में जबरदस्त उछाल

इस आपूर्ति संकट के चलते पिछले शुक्रवार को चांदी की कीमतें रिकॉर्ड $54.47 प्रति ट्रॉय आउंस तक पहुंच गईं. सोमवार तक ये कीमतें थोड़ी घटकर $52 के करीब थीं. लंदन में शॉर्ट-टर्म उधारी दरें भी 10 अक्टूबर को रिकॉर्ड स्तर पर थीं, जो शुक्रवार तक कुछ हद तक नार्मल हो गईं.

 लंदन की तिजोरियों में कितनी चांदी?

लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) के अनुसार, सितंबर के अंत तक लंदन की तिजोरियों में कुल 24,581 टन चांदी रखी गई थी, जिसकी कीमत लगभग $36.5 अरब डॉलर आंकी गई थी. मगर इनका बड़ा हिस्सा पहले से एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) के लिए आरक्षित है. Metals Focus के मुताबिक, लगभग 83% चांदी पहले ही इन फंड्स को अलॉट की जा चुकी है.

 अमेरिका से कॉमेक्स वेयरहाउस का चांदी का बहाव

अमेरिका के कॉमेक्स वेयरहाउस से भी अब तक 697 टन चांदी बाहर भेजी जा चुकी है, जो 3 अक्टूबर को रिकॉर्ड 16,543 टन के स्टॉक से कम हुई है. इस साल की शुरुआत में अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितता के कारण वहां स्टॉक बढ़ा था, लेकिन अब स्थिति बदल रही है.

 भारत और ब्रिटेन में चांदी के लिए मुकाबला

चीन से भी 100 से 150 टन चांदी बाहर भेजी जा रही है, लेकिन ये पूरी तरह लंदन नहीं जा रही. भारत भी इस चांदी के लिए बड़ी दावेदारी कर रहा है. भारत में त्योहारों का मौसम चल रहा है और मांग बहुत ज्यादा है. इस वजह से भारत में भी प्रीमियम (अतिरिक्त कीमत) रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच चुका है और एयर फ्रेट के जरिए चांदी मंगाई जा रही है.

 चीन की चांदी स्टॉक में भारी गिरावट

शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, वहां पिछले हफ्ते 249 टन चांदी वेयरहाउस से बाहर गई और कुल स्टॉक घटकर सिर्फ 920 टन रह गया – जो मई के बाद सबसे कम है. यह पिछले 11 सालों में सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है.

 

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