SIP Investment: आजकल लोग म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए SIP (Systematic Investment Plan) चुनते हैं. SIP के साथ आप ₹100 की छोटी राशि से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. आज हम सीखेंगे कि अगर आप 10 साल तक हर महीने ₹6000 का निवेश करते हैं, तो मैच्योरिटी पर आपको कितना रिटर्न मिल सकता है. हम SIP कैलकुलेटर का उपयोग करके इसे समझेंगे.
कैलकुलेशन (SIP Calculation)
- निवेश की राशि – हर महीने ₹6000
- रिटर्न – 12%
अगर कोई 10 साल तक हर महीने ₹6000 का निवेश करता है, तो 12% रिटर्न पर मैच्योरिटी पर उसे ₹1,394,000 मिलेंगे. इन 10 सालों में कुल निवेश राशि ₹7,20,000 होगी. अब, आइए देखें कि आप SIP के तहत 7-5-3-1 नियम का उपयोग कैसे कर सकते हैं.
SIP के लिए 7-5-3-1 नियम क्या है? (What is the 7-5-3-1 rule for SIP investments?)
- 7 – निवेश अवधि 7 साल रखें
- 5 – 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करें
- जैसे इक्विटी, बॉन्ड, ETF, सोना, आदि
- 3 – तीन तरह के जोखिमों से न डरें
- 1 – हर साल अपनी SIP राशि बढ़ाएं
निवेश अवधि 7 साल रखें (Keep the investment period at 7 years)
माना जाता है कि अगर आप 7 साल तक इंतजार करते हैं तो ही आपको SIP के माध्यम से कंपाउंडिंग का लाभ मिलेगा. आसान भाषा में समझने का प्रयास करें तो आपको निवेश अवधि 7 साल रखनी चाहिए.
5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करें (Invest in 5 different asset classes)
अब इस नियम में ‘5’ का मतलब समझाने का प्रयास करें तो आपको 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए. एसेट क्लास जैसे इक्विटी, बॉन्ड, रियल एस्टेट, सोना, आदि. आसान शब्दों में आपको अपने पोर्टफोलियो को जितना हो सके उतना डायवर्सिफाई करना चाहिए ताकि आपका पोर्टफोलियो (Portfolio) संतुलित रहे.
तीन तरह के जोखिमों से न डरें (Don’t be afraid of these three types of risks)
जब निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करते हैं तो उन्हें अक्सर तीन तरह के जोखिमों का सामना करना पड़ता है. ऐसे समय में निवेशक अक्सर सोचते हैं कि उन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) से बेहतर रिटर्न मिल सकता था. लेकिन हमें यह समझना होगा कि म्यूचुअल फंड से रिटर्न मार्केट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है. इसलिए, आपका लाभ या हानि भी उतार-चढ़ाव करेगा.
0-7% रिटर्न (0-7% return)
इस स्थिति में लोग अक्सर निवेश करना बंद कर देते हैं या दूसरे फंड में स्विच कर जाते हैं. लेकिन हमें यह समझना होगा कि हमने किस तरह के फंड में निवेश किया है और रिटर्न आने में कितना समय लग सकता है. कुछ फंडों को मुनाफे में आने में ज़्यादा समय लग सकता है. निवेश करने वाले लोगों को कभी-कभी नेगेटिव रिटर्न देखकर निराशा हो सकती है. लेकिन हमें ये याद रखना बेहद जरुरी है कि मार्केट की स्थिति लगातार बदलती रहती है. इसलिए, धैर्यपूर्वक इंतजार करना किसी भी निवेशकों को लॉन्ग टर्म में लाभ दे सकता है.
अंत में यह भी सलाह दी जाती है कि निवेशकों को हर साल अपना SIP अमाउंट बढ़ाना चाहिए. इससे ज़्यादा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है. जितना ज़्यादा अमाउंट होगा, उतना ही ज़्यादा संभावित मुनाफा होगा.
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