Silver investment: 2025 में सोना और चांदी निवेशकों के लिए पसंदीदा निवेश विकल्प बन गए हैं. दोनों ने इस साल शानदार रिटर्न दिया है. वैश्विक चिंताओं ने सोने और चांदी की कीमतों में तेजी लाने में योगदान दिया है. ट्रम्प के टैरिफ ने भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी लाने में अहम भूमिका निभाई है.
जब भी अंतरराष्ट्रीय परेशानियां बढ़ती हैं निवेशक सोने और चांदी की ओर बडते हैं. हालांकि इस साल चांदी ने सोने से बेहतर रिटर्न प्रदान किया है. कमोडिटी विशेषज्ञ बताते हैं कि सोने-चांदी का अनुपात अभी 78% है यही वजह है कि चांदी सोने से ज्यादा रिटर्न दे रही है. अगर यह अनुपात 50% तक पहुंच जाता है तो चादी के दाम सोने से भी तेजी से बढ़ेगें.
कमोडिटी एक्सपर्ट ने भी अनुमान लगाया है कि अगले एक महीने में MCX पर एक किलो चांदी की कीमत 2,00,000 रुपये तक पहुंच जाएगी. लेकिन इसकी वजह क्या है?
कमोडिटी एक्सपर्ट ने चांदी के दाम बढ़ने के 5 कारण बताए-
जाने क्या हैं कारण?
- अमेरिका ने चांदी को महत्वपूर्ण धातुओं की सूची में शामिल किया है.
- पिछले चार वर्षों से चांदी की सप्लाई कम रही है क्योंकि इसका खनन कम मात्रा में किया जा रहा है.
- चांदी की औद्योगिक मांग पहले की तुलना में बढ़ी है तथा स्वच्छ ऊर्जा में इसकी मांग सबसे अधिक है.
- जब आपूर्ति घटती है और मांग बढ़ती है तो कीमतें बढ़ जाती हैं.