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Biggest-ever IPO: दलाल स्ट्रीट के इतिहास में नहीं हुआ कभी ऐसा, Reliance Group लाने वाला है सभी आईपीओ का बाप, साइज जान पकड़ लेंगे माथा

Reliance Group IPO: रिपोर्ट के अनुसार, अरबपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) जियो इन्फोकॉम के 52,200 करोड़ रुपये के आईपीओ को सूचीबद्ध करने की योजना पर विचार कर रही है।

By: Divyanshi Singh | Published: July 31, 2025 1:17:02 PM IST



Biggest-ever IPO: रिलायंस ग्रुप कुछ ऐसा करने जा रहा है जिसे सुन कर आप दंग रह जाएगे जी हां दलाल स्ट्रीट के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है। यह अब तक के सभी आईपीओ का बाप होगा। यह आईपीओ हुंडई इंडिया के विशाल आईपीओ से लगभग दोगुना बड़ा होगा। रिपोर्ट के अनुसार, अरबपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) जियो इन्फोकॉम के 52,200 करोड़ रुपये के आईपीओ को सूचीबद्ध करने की योजना पर विचार कर रही है।

जानें IPO की डिटेल 

ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी दूरसंचार कंपनी में केवल 5% हिस्सेदारी 6 अरब डॉलर (52,200 करोड़ रुपये) में बेचने की मंजूरी पाने के लिए बाजार नियामक सेबी के साथ अनौपचारिक बातचीत शुरू कर दी है। नियामकीय आवश्यकताओं के अनुसार, 25% सार्वजनिक हिस्सेदारी आवश्यक है, लेकिन रिलायंस ने सेबी से कहा है कि बाजार में इतनी बड़ी लिस्टिंग को स्वीकार करने की क्षमता नहीं है।

कब आएगा IPO

 कहा जा रहा है कि आरआईएल अगले साल आईपीओ लाने की योजना बना रही है, लेकिन बाजार की स्थितियों के आधार पर इसका आकार और समय-सीमा बदल सकती है। अगर आरआईएल 52,200 करोड़ रुपये जुटाने के लिए जियो का आईपीओ लॉन्च करती है, तो यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा और हुंडई इंडिया के 28,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को भारी अंतर से पीछे छोड़ देगा।

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प्रदान करेगा निवेशकों को निकास विकल्प

यह आईपीओ मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक और अल्फाबेट इंक के गूगल सहित प्रमुख वैश्विक निवेशकों को निकास विकल्प प्रदान करेगा, जिन्होंने 2020 में रिलायंस के डिजिटल कारोबार में 20 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया था। 

रिलायंस की डिजिटल और दूरसंचार संपत्तियों का प्रबंधन करने वाली जियो प्लेटफॉर्म्स का मूल्यांकन उस समय 58 अरब डॉलर था। इस महीने की शुरुआत में, रॉयटर्स ने बताया था कि आरआईएल ने इस साल जियो का आईपीओ लॉन्च नहीं करने का फैसला किया है। रिपोर्ट में कहा गया था कि विश्लेषकों द्वारा 100 अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकित जियो अपने दूरसंचार कारोबार के लिए अधिक राजस्व और बड़ा ग्राहक आधार हासिल करना चाहता है, और आईपीओ से पहले अपने मूल्यांकन को और बढ़ाने के लिए अपनी अन्य डिजिटल पेशकशों का विस्तार करना चाहता है।

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