EPFO Rule : एम्पलाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन EPFO ने हाल ही में अपने नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. इन बदलावों का मकसद पीएफ खाते से पैसे निकालने की प्रक्रिया को आसान बनाना और दस्तावेजी प्रक्रिया के झंझट को कम करना है. इसके साथ ही, नौकरी छोड़ने पर मिलने वाले फाइनल सेटलमेंट की अवधि भी बढ़ा दी गई है. आइए इस बदलाव को विस्तार से समझते हैं.
पीएफ से 75% पैसा निकालना हुआ आसान
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई सीबीटी की 238वीं बैठक में कर्मचारियों के लिए पीएफ निकासी को सरल बनाने के कई फैसले लिए गए. अब कर्मचारी अपने पीएफ खाते में जमा कुल राशि का 75% आसानी से निकाल सकते हैं. पहले ये सुविधा केवल बेरोजगारी या रिटायरमेंट जैसे खास हालात में मिलती थी. लेकिन अब न्यूनतम 25% रकम खाते में बनी रहेगी, जबकि बाकी का 75% निकालना आसान हो गया है.
न्यूनतम बैलेंस की नई शर्त
नए नियमों के तहत पीएफ खाते में कम से कम 25% राशि हमेशा बनी रहेगी. इस रकम पर 8.25% की ब्याज दर से फायदा मिलता रहेगा और इसका कंपाउंडिंग लाभ भी मिलेगा. इसका मतलब ये है कि आपका पैसा लगातार बढ़ता रहेगा और आप जरूरत पड़ने पर पेंशन फंड के फायदे भी उठा सकते हैं.
निकासी के लिए कारण बताना नहीं होगा जरूरी
पीएफ निकासी के लिए अब कारण बताने की बाध्यता खत्म कर दी गई है. पहले जब कोई पैसा निकालता था तो उसे अपना कारण बताना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. चाहे आपदा हो, महामारी या नौकरी छूटने जैसी स्थिति, 75% तक की निकासी बिना किसी औपचारिक कारण के की जा सकेगी. इससे निकासी का काम तेज और आसान होगा.
फाइनल सेटलमेंट की अवधि बढ़ाई गई
नौकरी छोड़ने पर प्रीमैच्योर फाइनल सेटलमेंट के लिए अब इंतजार की अवधि बढ़ाकर 12 महीने कर दी गई है, जबकि पेंशन निकासी के लिए ये अवधि 36 महीने कर दी गई है. इसका मतलब ये हुआ कि कर्मचारी को अपना पूरा PF पैसा निकालने के लिए अब पहले से ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है. ये बदलाव सरकारी बयान में आर्थिक जरूरतों को पूरा करते हुए रिटायरमेंट सेविंग्स को बचाए रखने के लिए बताया गया है.
तात्कालिक जरूरतों के लिए और भी अधिक सहूलियत
इन नए नियमों से कर्मचारियों को अपने तात्कालिक आर्थिक जरूरतों को पूरा करना आसान हो जाएगा, बिना अपनी रिटायरमेंट सेविंग्स या पेंशन को नुकसान पहुंचाए आंशिक निकासी को उदार बनाने का उद्देश्य यही है कि लोग समय-समय पर अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकाल सकें और फाइनेंसियल स्ट्रेस कम हो.
EPFO के ये बदलाव कर्मचारियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे. निकासी प्रक्रिया आसान होने से वे अपनी जरूरत के मुताबिक पैसा निकाल पाएंगे और फाइनल सेटलमेंट में बदलाव से उनकी सुरक्षा भी बनी रहेगी. अब पीएफ खाते से जुड़े नियम अधिक पारदर्शी और सरल हो गए हैं, जिससे कर्मचारियों को वित्तीय राहत मिलेगी.