Prepayment Penalty On Personal Loan: भारत में पर्सनल लोन बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि ये आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस और कोटक बैंक जैसे प्रमुख ऋणदाता संस्थान तेजी से ऋण वितरण सेवाओं का विस्तार कर रहे हैं. इस वजब से पूरे वित्तीय क्षेत्र में चूक, गलतियों और रिपेमेंट में मुश्किलें भी बढ़ती हुई नजर आ रही हैं.
पर्सनल लोन क्या होता है?
पर्सनल लोन क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर किए जाते हैं. ये वो असुरक्षित लोन हैं जिसके लिए आवेदन करने पर कोई जमानत की जरूरत नहीं होती है. इस वजह से ये लोन बाजार में मौजूद दूसरे लोन से ज्यादा ब्याज दर देते हैं. इस लोन के लिए आवेदन करने का प्रोसेस काफी आसान और जल्दी से कर सकते हैं.
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प्रीपेमेंट पेनल्टी क्या होती है?
प्रीपेमेंट पेनल्टी एक ऐसा शुल्क है जो कर्जदार को तब लगाते हैं, जब वह पर्सनल लोन की अवधि पूरी होने से पहले ही कर्ज चुका देता है. कर्जदार को उस ब्याज दर की भरपाई करने के लिए होता है जो उन्हें लोन की अवधि के दौरान मिलती है. यह शुल्क बकाया राशि के 1 से 5 फीसदी के बीच होता है, जो कर्जदार की पॉलिसी पर निर्भर करता है. अब हर बैंक और वित्तीय संस्थान के अपने प्रीपेमेंट के नियम और शर्तें हैं. वो समय के साथ बदल भी सकते हैं.