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8th Pay Commission: 55 रुपये से लेकर 18 हजार, आजादी से लेकर अब तक वेतन आयोग में हुआ कितना बदलाव?

Pay Commission 2025: केंद्र सरकार ने मंगलवार, 29 अक्टूबर को आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission Update) के गठन मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब अब केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के वेतक ढांचे की समीक्षा करना होगा.

By: Preeti Rajput | Last Updated: October 29, 2025 10:13:34 AM IST



Pay Commission India :  केंद्र सरकार ने मंगलवार को आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission Update) के गठन को मंजूरी दे दी है. अब आज़ादी (1947) के बाद अब तक केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के वेतन ढांचे की समीक्षा करना है. नए सैलरी पैटर्न की सिफारिशों के लिए वेतन आयोग का गठन किया जाना है. आर्थिक हालात और प्रशासनिक ज़रूरतों को देखते हुए आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन ढांचा तय करने में अहम योगदान दिया है. 

1st वेतन आयोग (1946-1947)

श्रीनिवास वरदाचारी (Srinivasa Varadachari) की अध्यक्षता में जनवरी 1947 में पहला वेतन आयोग का गठन हुआ. इसने पहली बार 1947 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसका मुख्य कारण सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहतर सैलरी तय करा था. जिसके लिए आयोग की तरफ से ‘लिविंग वेज’ की अवधारणा तय की गई. यानी एक ऐसा वेतन जिससे कर्मचारी और उसका परिवार ठीक से जिंदगी गुजार सके. इस आयोग ने पहली बार 55 रुपये मासिक न्यूनतम और 2000 रुपये अधिकतम वेतन तय करने का फैसला लिया. 

2nd  वेतन आयोग (1957-1959)

जगन्नाथ दास की अध्यक्षता में दूसरा वेतन आयोग साल 1975 में गठित किया गया. इस रिपोर्ट में न्यूनतम वेतन 80 रुपये प्रतिमाह तय करने की सिफारिश रखी गई थी. 

3rd वेतन आयोग (1970-1973)

तीसरे वेतन आयोग की अध्यक्षता रघुबीर दयाल ने की थी. तीसरे वेतन आयोग ने सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच सैलरी को लेकर असमानताओं पर जोर दिया गया. 

4th वेतन आयोग (1983-1986)

चौथे वेतन आयोग ने चार सालों में तीन चरणों में अपनी सिफारिशें पेश की. 1983 में पीएन सिंघल की अध्यक्षता में न्यूनतम वेतन 750 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव रखा गया. 

5th  वेतन आयोग (1994-1997)

पांचवें वेतन आयोग के चेयरमैन जस्टिस एस. रत्नावेल पांडियन ने कर्मचारियों की संख्या घटाने और पे स्केल कम करने के सिफारिश सरकार के सामने रखी. 

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6th वेतन आयोग (2006-2008)

जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में बना छठा वेतन आयोग ने रनिंग पे बैंड और ग्रेड पे की अवधारणा को पहली बार पेश किया था और काम के बल पर प्रोत्साहन को प्रेरित किया. 

7th वेतन आयोग (2016)

सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था. इस वेतन ने वेतन, भत्तों और पेंशन में कुल 23.55% बढ़ोतरी की सिफारिश की थी. इसके तहत न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये मासिक तय किया गया.  

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