Income Tax Scams : भारत में कई लोग अपनी गैरकानूनी कमाई पर भी इनकम टैक्स भरकर उसे सही दिखा लेते हैं. इसके बाद वही लोग अपने सही दिखाई देने वाले पैसों पर बैंक से लोन भी ले लेते हैं. ये सुनने में अजीब लगता है, लेकिन ये एक आम प्रैक्टिस बन चुकी है. आइए समझाती हूं सब कुछ डिटेल में-
सट्टेबाजी से कमाई
मानीए कि हमारे पास एक व्यक्ति हैं, श्री लाला जी नाम का. लाला जी सट्टेबाजी से पैसे कमाते हैं. पहले वो सीधे कैश में कमाई करते थे, लेकिन अब डिजिटल पेमेंट के कारण उनका पैसा बैंक अकाउंट में आता है. सट्टेबाजी का पैसा सीधे बैंक में आने के कारण उसे दिखाना पड़ता है. सीधे तौर पर तो ये गैरकानूनी है, लेकिन उनका तरीका अलग है.
फल की दुकान का इस्तेमाल
लाला जी अपने घर के पास किसी फल मंडी में छोटी सी दुकान ले लेते हैं. साथ ही वो फल मंडी का लाइसेंस भी ले लेते हैं. अब असली तरीका शुरू होता है. सट्टेबाजी से आए पैसों को वो अपनी दुकान की कमाई के रूप में दिखाते हैं. ऐसा जानबूझकर किया जाता है क्योंकि फल पर जीएसटी कम या कभी-कभी जीरो होती है.
सेक्शन 44AD का फायदा
लाला जी अपनी सारी कमाई को इनकम टैक्स में सेक्शन 44AD के तहत दिखाते हैं. इस सेक्शन के तहत छोटे बिजनेस की निश्चित प्रतिशत के हिसाब से टैक्स देना होता है. यहां वे केवल 6 प्रतिशत टैक्स देकर अपनी पूरी काली कमाई को सही दिखा लेते हैं. ये तरीका उन्हें कानूनी जाल से सेफ बना देता है.
अब जब उनकी कमाई सही दिखाई देती है, तो बैंक से लोन लेना आसान हो जाता है. लाला जी इसी आधार पर कार लोन, होम लोन या अन्य प्रकार के लोन ले सकते हैं. सीधे शब्दों में कहें तो, गैरकानूनी पैसे को वैध बनाकर उसे आगे बढ़ाने का ये तरीका एक तरह का वित्तीय छल है.