Gold Silver Price: सोने और चांदी की कीमतों में हाल के समय में शानदार तेजी देखने को मिली है. लेकिन अब सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई है. असल में विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में यह गिरावट और बढ़ सकती है, हालांकि लंबी अवधि में दोनों धातुओं की कीमतों में सुधार की संभावना अभी भी बनी हुई है.
सोने-चांदी की कीमतों में आई गिरावट
भारतीय बाजार में, सोना और चांदी दोनों 17 अक्टूबर, 2025 को एमसीएक्स पर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे. तब से, चांदी लगभग ₹20,000 प्रति किलोग्राम और सोना लगभग ₹4,000 प्रति 10 ग्राम गिर चुका है. वर्तमान में, त्योहारों के कारण घरेलू बाजार बंद हैं, लेकिन लगातार दो दिनों की वैश्विक गिरावट के कारण, विशेषज्ञ 23 अक्टूबर को भारतीय बाजार में कीमतों में भारी गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं.
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विदेशों में भी देखने को मिली कीमतों में गिरावट
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को सोने में 6.3% और चांदी में 7.1% की गिरावट आई – जो पिछले 12 वर्षों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है. बुधवार को, दोनों धातुओं में पांच वर्षों में सबसे तेज इंट्राडे गिरावट देखी गई, जिसका कारण वैश्विक बाजार में तेज मुनाफावसूली थी. लंदन ट्रेडिंग में सोना 4,100 डॉलर प्रति औंस से नीचे गिर गया और चांदी 48 डॉलर प्रति औंस पर आ गई.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट भारत में दिवाली के त्यौहारी सीजन के ठीक बाद आई है—ऐसा समय जब सोने की खरीदारी चरम पर होती है. अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण परिषद के अध्यक्ष राजेश रोकड़े के अनुसार, पिछले चार महीनों में सोना 3,300 डॉलर से 4,400 डॉलर प्रति औंस के बीच बढ़ा था, इसलिए मौजूदा गिरावट एक स्वाभाविक सुधार है.
भारत में कीमतों पर एक नजर
भारत में सोने की कीमतें अब लगभग ₹1.28 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई हैं, जबकि चांदी में 12% की गिरावट आई है. फिर भी, पिछले एक साल में चांदी में 85% और सोने में 70% से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है.
केडिया कमोडिटीज के निदेशक अजय केडिया ने आगाह किया कि अल्पावधि (short term) में अस्थिरता बनी रह सकती है. डोनाल्ड ट्रंप, चीन और रूस के बीच आगामी बैठकें वैश्विक आर्थिक माहौल को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे सोने पर दबाव पड़ सकता है. हालांकि, केंद्रीय बैंकों की आक्रामक खरीदारी और निरंतर मांग को देखते हुए दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है.
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