Home > व्यापार > Forex Market: नहीं चल पाया डॉलर का ज़ोर, इन देशों की करेंसी ने मारी बाज़ी

Forex Market: नहीं चल पाया डॉलर का ज़ोर, इन देशों की करेंसी ने मारी बाज़ी

Forex Market: अमेरिकी डॉलर रोज़गार के आंकड़ों में कमी के कारण फीका पड़ गया है। जिससे दूसरे देशों की करेंसी में बढ़त देखने को मिली है। जानिये भारत के रूपए का क्या है हाल।

By: Sharim ansari | Published: September 9, 2025 8:55:43 PM IST



Currency: डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार गिर रहा है, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर पर दबाव बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को डॉलर सात हफ्ते के निचले स्तर पर पहुँच गया। दरअसल, अमेरिका में रोज़गार के आंकड़े कमज़ोर रहने के संकेत मिल रहे हैं। साथ ही, अगले हफ़्ते फेड की बैठक में ब्याज दरों में कटौती हो सकती है। जिसके चलते डॉलर में लगातार गिरावट आ रही है। वहीं दूसरी ओर, भारत में भी डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली गिरावट देखी गई है। जिसके चलते रुपया डॉलर के मुकाबले 88 के स्तर से ऊपर बना हुआ है।

किस देश की मुद्राओं ने डॉलर को मात दी?

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जापानी येन के मुकाबले डॉलर 0.2 प्रतिशत कमजोर होकर 147.21 पर आ गया, जबकि पाउंड स्टर्लिंग 0.1 प्रतिशत बढ़कर 1.3558 डॉलर पर पहुँच गया। यूरो 24 जुलाई के बाद अपने सबसे मज़बूत स्तर को छूने के बाद 1.1752 डॉलर पर आ गया। विभिन्न मुद्राओं के समूह के मुक़ाबले डॉलर 97.25 के निचले स्तर पर पहुंच गया, जो जुलाई के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है।

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 8,00,000 नौकरियाँ खत्म हो सकती हैं, जो इस बात का संकेत हो सकता है कि फ़ेडरल रिज़र्व अधिकतम रोज़गार सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों में पिछड़ रहा है। फ़ेडरल रिज़र्व द्वारा और अधिक आक्रामक ढील दिए जाने की व्यापारियों की उम्मीदें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। CME FedWatch टूल के अनुसार, मुद्रा बाज़ार को 25 आधार अंकों की ब्याज दर में कटौती की पूरी उम्मीद थी, और 50 आधार अंकों की बड़ी ब्याज दर कटौती की संभावना भी लगभग 12 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले जानिए 5 जरूरी बातें! वरना पडे़गा महगां

भारतीय रुपया भी गिरा

फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स द्वारा लगातार निकासी और ग्लोबल ट्रेड टेंशन की वजह से मंगलवार को रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ और 88.12 पर बंद हुआ, जो कि पिछले दिन से 3 पैसे कम है। फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स ने कहा कि भारत पर अमेरिकी टैरिफ़ और वैश्विक व्यापार की चिंताओं को लेकर रुपया दबाव में रहा।

शुक्रवार को रुपया 88.38 पर पहुंचकर अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया। लेकिन बाद यह 88.09 पर बंद हुआ, जो पिछले क्लोज़िंग प्राइस से 3 पैसे अधिक है। 2 सितंबर को भी रुपया 88.15 के निचले स्तर पर बंद हुआ था। महाराष्ट्र में, सोमवार को ईद-ए-मिलाद की वजह से सार्वजनिक अवकाश था जिसके कारण फॉरेन करेंसी मार्केट बंद था।

गिरावट जारी रह सकती है

मिराए एसेट शेयरखान में करेंसी और कमोडिटीज के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी का कहना है कि रुपया नकारात्मक तौर पर कारोबार कर सकता है क्योंकि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार शुल्क के मुद्दे से दबाव है। हालांकि, बिना घोषणा हुए, बाजार थोड़ा नरम दिख रहा है। चौधरी ने कहा कि ब्याज दरें घटने की उम्मीद से डॉलर प्रभावी हो सकता है, जिससे रुपये को निचले स्तरों पर सपोर्ट मिल सकता है। उनका मानना है कि डॉलर की तुलना में रुपया 87.80 से 88.45 के बीच रह सकता है।

निर्मला सीतारमण का बयान

इस बीच, व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने सोमवार को एक नए बयान में कहा कि भारत को व्यापार वार्ता में किसी न किसी मोड़ पर अमेरिका के साथ समझौता करना ही होगा, अन्यथा यह भारत के लिए “अच्छा” नहीं होगा। नवारो ने ‘रियल अमेरिकाज़ वॉयस’ शो को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि भारत सरकार उनसे नाराज़ है और उन्होंने भारत को टैरिफ का ‘महाराजा’ बताया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार विनिमय दरों पर ‘अच्छी नज़र’ रख रही है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि रुपये के अलावा, कई अन्य मुद्राओं का भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अवमूल्यन हुआ है। उन्होंने कहा, “रुपये में गिरावट मुख्य रूप से डॉलर के मुकाबले है, किसी अन्य मुद्रा के मुकाबले नहीं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि वैश्विक स्तर पर डॉलर मज़बूत हुआ है।”

AI की मदद से बने करोड़पति! 25 साल के इस युवा से सीखें कामयाबी का फॉर्मूला

Advertisement