8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग के लागू होने को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं. कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग के लागू होने को मंज़ूरी दे दी है. इसके लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होगी. हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर बढ़ोतरी की सटीक राशि का खुलासा नहीं किया गया है. इसलिए, रिपोर्टों के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है. 8वें वेतन आयोग का गठन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन में बदलाव करने के लिए किया जाएगा.
बता दें कि आठवें वेतन आयोग से 50 लाख से ज़्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारियों और लगभग 69 लाख पेंशनभोगियों को फ़ायदा होगा. सबसे बड़ा सवाल यह है कि वेतन में कितनी बढ़ोतरी होगी और उनके खातों में कितनी राशि जमा होगी. बता दें कि मूल वेतन में यह बढ़ोतरी फिटमेंट फ़ैक्टर और महंगाई भत्ते में समायोजन के आधार पर होगी.
आठवें वेतन आयोग का गठन
बता दें कि केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग का गठन मंगलवार ( 28 अक्टूबर) को किया. आयोग के कार्यक्षेत्र और कार्य-अवधि को भी मंजूरी दे दी गई. आयोग को 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा की. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई आयोग की अध्यक्ष होंगी. आईआईएम बैंगलोर के प्रोफेसर पुलक घोष को अस्थायी सदस्य नियुक्त किया गया है, जबकि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन सदस्य-सचिव के रूप में कार्य करेंगे.
2026 से प्रभावी होने की संभावना
आठवें वेतन आयोग की सिफ़ारिशें 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी होने की संभावना है, क्योंकि वेतन आयोग की सिफ़ारिशों में हर 10 साल में संशोधन किया जाता है. गौरतलब है कि सातवें आयोग की सिफ़ारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू हुई थीं.
कितनी बढ़ जाएगी सैलरी?
इस आयोग से 50 लाख से ज़्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 69 लाख पेंशनभोगियों को फ़ायदा होगा. सबसे बड़ा सवाल यह है कि वेतन वृद्धि कितनी होगी और उनके खातों में कितनी राशि जमा होगी. दरअसल, मूल वेतन में वृद्धि फिटमेंट फ़ैक्टर और महंगाई भत्ते (DA) के समायोजन पर आधारित होगी. सातवें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया था. इसलिए आठवें आयोग का फिटमेंट फैक्टर इसी पर निर्भर करेगा.
ध्यान देने योग्य बात यह है कि प्रत्येक वेतन आयोग के बाद, महंगाई भत्ता (DA) शून्य हो जाता है क्योंकि नए मूल वेतन में मुद्रास्फीति पहले से ही शामिल होती है. उसके बाद, महंगाई भत्ता धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। वर्तमान में, महंगाई भत्ता मूल वेतन का 55 प्रतिशत है. महंगाई भत्ते को हटाने पर, कुल वेतन (मूल वेतन + महंगाई भत्ता + मकान किराया भत्ता) में वृद्धि थोड़ी कम लग सकती है, क्योंकि 55 प्रतिशत का यह हिस्सा समाप्त हो जाएगा.
जानें पूरी गणीत
मान लीजिए आप लेवल 5 पर हैं. सातवें वेतन आयोग के तहत आपका मूल वेतन ₹29,200 और महंगाई भत्ता (55%) ₹16,060 है. महानगरों में मकान किराया भत्ता (27%) ₹7,884 है. इससे कुल वेतन ₹53,144 हो जाता है. यदि आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.0 लागू होता है, तो लेवल 5 के कर्मचारियों का नया वेतन इस प्रकार होगा.
- नया मूल वेतन: ₹29,200 × 2 = ₹58,400
- महंगाई भत्ता: 0% (रीसेट)
- मकान किराया भत्ता (मेट्रो, 27%): ₹15,768
- कुल वेतन: ₹74,168
आप इस फॉर्मूले का उपयोग करके सी-ग्रेड कर्मचारियों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक के वेतन की गणना कर सकते हैं. इससे आपको अंदाजा हो जाएगा कि आठवां वेतन आयोग लागू होने पर आपके खाते में कितनी राशि जमा होगी.