Home > क्राइम > 35 साल हत्याकांड की वो कहानी, जहां एक साथ 21 लोग पहुंच गए थे जेल

35 साल हत्याकांड की वो कहानी, जहां एक साथ 21 लोग पहुंच गए थे जेल

बिहार के कटिहार (Katihar) में 1988 में हुए पुराने हत्याकांड (Old Murder Case) की वारदात ने हर किसी को हैरान (Shocking Case) करके रख दिया था. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने (Supreme Court) 21 आरोपियों को 35 साल बाद जेल से बरी कर दिया.

By: DARSHNA DEEP | Published: October 9, 2025 2:39:46 PM IST



Double Murder Case: बिहार के कटिहार में 1988 में हुए पुराने हत्याकांड की वारदात ने हर किसी को हैरान करके रख दिया था. बुधवार को सुप्रीम कोपर्ट ने 21 आरोपियों को 35 साल बाद जेल से बरी कर दिया. 

सुप्रीम कोर्ट ने 21 आरोपियों को किया बरी:

बिहार के कटिहार में साल 1988 दोहरे हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने कल अपना फैसला सुनाते हुए सभी 21 आरोपियों को जेल से बरी कर दिया है. गवाहों के विरोधाभासी बयान और सबूतों की कमी के चलते इस केस को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है. कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि घटना स्थल पर मौजूद होने का मतलब यह नहीं कि वह व्यक्ति अपराध में शामिल था.

कब और कैसे हुई थी पूरी घटना: 

यह घटना दो समूहों के बीच जमीन के झगड़े से शुरू हुई थी. झगड़ा इतना बढ़ गया था कि हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई. वहीं, पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 21 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था और 990 में ट्रायल कोर्ट ने सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बाकी लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हुए कहा कि गवाहों के बयान एक-दूसरे से किसी प्रकार मेल नहीं खाते हैं, और न ही मेडिकल रिपोर्ट से उनका किसी प्रकार का कोई तालमेल था.  

कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए क्या कहा?:

मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि ‘इतने विरोधाभासों के बीच यह नहीं कहा जा सकता कि अभियोजन पक्ष (Prosecution) ने अपना केस साबित किया है.’ साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी व्यक्ति का घटनास्थल पर मौजूद होना अपने आप में अपराध नहीं बनाता है. 

इसके अलावा जजों ने स्पष्ट किया कि जो लोग सिर्फ तमाशबीन या राहगीर थे, उन्हें धारा 149 आईपीसी (गैरकानूनी भीड़ में शामिल होना) के तहत दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. कोर्ट का कहना है कि अदालतों को ऐसे मामलों में बेहद सावधानी बरतनी चाहिए ताकि निर्दोष लोगों को सजा न मिल सके. फिलहाल, अब सभी अपराधियों को बरी करते हुए सरकार ने केस को बंद कर दिया है.

Advertisement