बिहार में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने आम लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. बिहार के अधिकांश जिलों में गुरुवार से रुक-रुक कर हो रही बारिश की वजह से आवागमन ठप हो गया है और लोग घरों में ही कैद होकर रह गए हैं. हालत यह है कि रोज़मर्रा के काम तक प्रभावित हुए हैं. इस बीच, पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 24 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. राज्य के ज्यादातर जिलों में बारिश का दौर अभी थमने वाला नहीं है. आइए जानते हैं, आपके ज़िले में मौसम का हाल क्या रहने वाला है और किन इलाकों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश का खतरा बना हुआ है.
दरअसल, पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया की है कि बिहार के 29 जिलों में पहली नवंबर को बारिश होगी. इनमें से 7 जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है. चक्रवात मोंथा का असर बिहार में महसूस किया जा रहा है. गंगा नदी के किनारे के इलाके मोन्था के प्रभाव से विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं. तेज़ हवाओं और बारिश ने मौसम को पूरी तरह से बदल दिया है, जिससे लोगों को हल्की ठंड का अनुभव हो रहा है.
इन 7 जिलों में भारी से भारी बारिश की संभावना
पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा है कि अगले 24 घंटों के दौरान बिहार के पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिलों में मौसम की स्थिति गंभीर रहने की संभावना है. इन जिलों में अत्यधिक भारी बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. सभी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
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22 जिलों में येलो अलर्ट
पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने बिहार के अन्य 22 जिलों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है, जिनमें पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, शेखपुरा, बांका, जमुई, नवादा और गया शामिल हैं. इन जिलों में तेज़ हवाएँ, वज्रपात और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है.
धान की फसल बर्बाद होने से किसान परेशान
बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. तीन दिनों की भारी बारिश ने धान की कटाई कर चुके खेतों को तबाह कर दिया है. रबी की बुवाई के लिए तैयार खेतों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है, जिससे सरसों, आलू और मक्के की फसलों की बुवाई प्रभावित हो रही है. किसान ख़ास तौर पर पकी हुई धान की फसल को लेकर चिंतित हैं.
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