Bihar News 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के बेरोजगार ग्रेजुएट के लिए एक बड़ी घोषणा की है. अब 20 से 25 साल की आयु के उन युवक और युवतियों को जिनके पास न नौकरी है और न स्वरोजगार उन्हें सरकार की ओर से हर महीने 1000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा. यह सहायता अधिकतम दो साल तक मिलेगी.
योजना क्या है?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और पढ़ाई के दौरान युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि जब तक युवा आत्मनिर्भर नहीं बनेंगे वे अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे. इसी सोच के तहत पहले से चल रही मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का विस्तार किया गया है.
सीएम नीतीश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी जानकारी
नवम्बर 2005 में नई सरकार बनने के बाद से ही अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देना तथा उन्हें सशक्त और सक्षम बनाना हमलोगों की प्राथमिकता रही है। आप अवगत हैं कि अगले पांच साल में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आने वाले…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) September 18, 2025
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि नवंबर 2005 में नई सरकार के गठन के बाद से अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार प्रदान करना और उन्हें सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता रही है. आप अवगत हैं कि अगले पांच साल में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. आने वाले समय में सरकारी और निजी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नए रोज़गार के अवसर सृजित होंगे.इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ताकि वे रोज़गार प्राप्त कर सकें.
हर महीने मिलेगा 1000 रुपया
उन्होंने आगे लिखा कि मुझे आपको यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि राज्य सरकार के 7 निश्चय कार्यक्रम के अंतर्गत पहले से चल रही मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना का विस्तार किया गया है. इस योजना के अंतर्गत पूर्व में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण युवक और युवतियों को दी जाने वाली स्वयं सहायता भत्ता योजना का लाभ अब कला विज्ञान और वाणिज्य में ग्रेजुएट उत्तीर्ण बेरोजगार युवक-युवतियों को भी देने का निर्णय लिया गया है. 20-25 साल आयु वर्ग के ऐसे ग्रेजुएट जो पढ़ाई नहीं कर रहे है तथा नौकरी/रोजगार हेतु प्रयास कर रहे है. उनका कोई स्वरोजगार नहीं है अथवा सरकारी निजी गैर सरकारी नियोजन प्राप्त नहीं है. तो भी 1000 रूपए प्रतिमाह की दर से अधिकतम दो वर्षों तक मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता का भुगतान किया जाएगा.
मुझे आशा है कि ये युवा इस सहायता भत्ते का उपयोग आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में करेंगे जिससे उनका भविष्य सुरक्षित होगा. राज्य सरकार की इस दूरदर्शी पहल का उद्देश्य राज्य के युवाओं को रोज़गार के अधिकतम अवसर प्रदान करना है. यहां के शिक्षित युवा आत्मनिर्भर कुशल और रोज़गार योग्य बनेंगे जिससे वे देश और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे.