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12th फेल का युवक कैसे बना बिहार का सबसे बड़ा गैंगस्टर? दिल्ली में कैसे हुआ उसका अंत

बिहार के सीतामढ़ी का 25 साल का रंजन पाठक (Ranjan Pathak) , जिसकी मां सरपंच हैं, 12वीं में फेल (12th Fail) होने और सौतेली बहन के प्रेम-प्रसंग (Love Affair) की वजह से गैंगस्टर (Gangster) बन गया. उसने 'सिग्मा एंड कंपनी' (Sigma and Company) बनाकर शराब तस्करी और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग (Contract Killing) शुरू की, जिसका अंत गुरुवार को दिल्ली में पुलिस एनकाउंटर (Police Encounter) में हुआ.

By: DARSHNA DEEP | Published: October 26, 2025 6:53:35 PM IST



Bihar 12th Fail Gangster:  बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला 25 साल का रंजन पाठक का जीवन अपराध की दुनिया में बढ़ता जा रहा है, यह जानते हुए भी कि उसके पास एक सम्मानित पृष्ठभूमि थी. उसके पिता सरकारी कर्मचारी थे और उसकी मां मलाही गांव की सरपंच हैं.

अपराध की दुनिया में कैसे रखा कदम?

रंजन पाठक के गैंगस्टर बनने की कहानी तब शुरू हुई जब वह 12वीं कक्षा में फेल हो गया था. फेल होने के बाद वह स्थानीय नेताओं के साथ घूमता रहता था. लेकिन, उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब लगभग 19 साल की उम्र में उसे पता चला कि उसकी एक सौतेली बहन को भूमिहार जाति के एक शख्स से प्यार हो गया है.

पहले अपराध के बाद मिली पहचान

अपनी बहन के प्रेम संबंध की वजह से रंजन ने अपने दोस्त के साथ मिलकर उस शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी.  बदले की कार्रवाई में, मृतक के परिवार ने रंजन पर हमला किया, जिसमें उसके सिर में गोली भी लगी थी. गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद भी वहां से बच निकला, लेकिन बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर साल 2024 तक जेल के अंदर रखा था. सिर में लगी गोली का निशान बाद में उसकी एक पहचान बन गया था. 

जेल से बाहर आने के बाद मचाया आतंक

जेल से बाहर आने के बाद, रंजन पाठक ने एक बार फिर से आतंक मचाना शुरू कर दिया था, जुलाई और नवंबर में पुलिस ने दोबारा उसे गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की थी. साल 2025 में जेल से बाहर आने पर वह सीतामढ़ी के गैंगस्टर शशि कपूर के संपर्क में आया और ‘सिग्मा एंड कंपनी’ नाम का अपना अगल से एक गिरोह भी बना लिया. यह कंपनी मुख्य रूप से शराब की तस्करी और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग का काम किया करती थी. 

मामले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई और गिरफ्तारी

पुलिस के मुताबिक, शराब तस्करी में उसे स्थानीय सरपंच का भी साथ मिला हुआ था. जब एक अन्य शराब तस्कर आदित्य ठाकुर ने आपत्ति जताई, तो रंजन ने उसकी हत्या कर दी, जिसके बाद सीतामढ़ी में उसका खूनी खेल शुरू हो गया था. लेकिन, रुवार को दिल्ली में रंजन पाठक समेत 4 गैंगस्टर्स को एनकाउंटर में मार गिराया गया, जिसके बाद उसकी पूरी आपराधिक कुंडली अब सबके सामने आ गई है. 

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