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अपने ही नागरीकों को क्यों मौत के घाट उतार रहा है ब्राज़ील? अब तक 80 लोगों की मौत

Brazil Police Operation:मंगलवार को गवर्नर क्लाउडियो कास्त्रो ने एक वीडियो बयान जारी कर बताया कि एक बड़े पैमाने पर पुलिस अभियान में 60 कथित अपराधियों को ढेर कर दिया गया है और पुलिस ने 250 से ज़्यादा गिरफ़्तारी और तलाशी वारंट जारी किए हैं.

By: Divyanshi Singh | Published: October 29, 2025 11:37:29 AM IST



Brazil: एरिया के हिसाब से दुनिया की चौथा सबसे बड़ा देश ब्राज़ील में एक अभियान शुरू किया है जिसमे अब तक 80 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है. बता दें कि यह अभियान ब्राज़ील की सुरक्षा एजेंसियों ने राजधानी रियो डी जेनेरियो में चलाया है. जिसका मकसद अपराधियों और गैंगस्टरों का खात्मा करना है.इस अभियान में चार पुलिस अधिकारी और लगभग 80 लोग मारे गए. हताहतों की इतनी बड़ी संख्या ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मुठभेड़ों की खबरों के बाद हर कोई इस बात को लेकर उत्सुक है कि इतना बड़ा अभियान अचानक कैसे शुरू हो गया.

81 लोग गिरफ्तार

मंगलवार को गवर्नर क्लाउडियो कास्त्रो ने एक वीडियो बयान जारी कर बताया कि एक बड़े पैमाने पर पुलिस अभियान में 60 कथित अपराधियों को ढेर कर दिया गया है और पुलिस ने 250 से ज़्यादा गिरफ़्तारी और तलाशी वारंट जारी किए हैं. क्लाउडियो कास्त्रो ने आगे बताया कि 81 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके हथियार ज़ब्त किए गए हैं.

क्यों शुरू किया गया अभियान?

कास्त्रो ने एक वीडियो भाषण में कहा कि “हम क्या चाहते हैं? एक शांतिपूर्ण रियो डी जेनेरियो, एक अपराध-मुक्त ब्राज़ील, और हम पीछे नहीं हटेंगे क्योंकि हमारा मानना ​​है कि जितनी ज़्यादा सार्वजनिक सुरक्षा होगी, आप और आपका परिवार उतना ही ज़्यादा आज़ाद होंगे.”

सबसे बड़ा अभियान 

हालांकि हताहतों की संख्या के लिहाज़ से यह अभियान सबसे बड़ा है लेकिन राजधानी में होने वाली बड़ी घटनाओं से पहले भी इसी तरह के अभियान चलाए जाते हैं. ब्राज़ील में कई गिरोह हैं जो मादक पदार्थों की तस्करी, जबरन वसूली और अन्य कुख्यात गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं. अगले हफ़्ते रियो में C40 विश्व महापौर शिखर सम्मेलन एक प्रमुख जलवायु सम्मेलन आयोजित होगा.

यह अभियान मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध के विरुद्ध अभियान, ऑपरेशन कंटेनमेंट का हिस्सा था. इस अभियान का मुख्य निशाना कोमांडो वर्मेलो गिरोह था, जिसे रेड कमांड के नाम से भी जाना जाता है. अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर यह भी दावा किया कि अभियान के दौरान कम से कम 42 राइफलें ज़ब्त की गईं.

अभियान का उद्देश्य

कास्त्रो ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर लिखा, “इस अभियान का उद्देश्य कोमांडो वर्मेलो गिरोह को गिरफ़्तार करना है.” इसका उद्देश्य वर्मेलो के क्षेत्रीय विस्तार का मुकाबला करना और रियो डी जेनेरियो तथा अन्य राज्यों में आपराधिक नेताओं को पकड़ना है.

अभियान के पैमाने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 2,500 सुरक्षा अधिकारियों ने इसमें भाग लिया, जिनमें से कुछ बख्तरबंद वाहनों और हेलीकॉप्टरों से लैस थे. अभियान का मुख्य केंद्र अलेमाओ और पेन्हा फेवेला परिसर थे. ये रियो डी जेनेरियो के बाहरी इलाके में स्थित गरीब और घनी आबादी वाले इलाके हैं.

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