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राजधानी में पहली बार क्लाउड सीडिंग, कब होगी बारिश? जानें कानपुर से ही क्यों आया विमान

Delhi Cloud Seeding:दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि आज क्लाउड सीडिंग का ट्रायल हुआ. सेसना विमान का इस्तेमाल करके क्लाउड सीडिंग की गई.

By: Divyanshi Singh | Published: October 28, 2025 3:30:25 PM IST



Delhi Cloud Seeding: दिवाली के बाद से राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है और इसमें कमी आने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है. इससे आम जनता को काफी असुविधा हो रही है. इस प्रदूषण को कम करने के लिए, सरकार ने आज क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम वर्षा कराने का फैसला किया. दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का काम पूरा हो चुका है और अब बारिश का इंतज़ार है.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि आज क्लाउड सीडिंग का ट्रायल हुआ. सेसना विमान का इस्तेमाल करके क्लाउड सीडिंग की गई. विमान मेरठ से दिल्ली आया और खेकड़ा, बुराड़ी, मयूर विहार और कई अन्य इलाकों में क्लाउड सीडिंग की गई. आठ फ्लेयर्स का इस्तेमाल किया गया. पूरी प्रक्रिया लगभग आधे घंटे तक चली. दूसरा और तीसरा ट्रायल भी आज ही किया जाएगा. 15 मिनट से लेकर 4 घंटे तक बारिश हो सकती है. यह सिलसिला अगले कई दिनों तक जारी रहेगा.

कानपुर से एक से आया विमान 

सिरसा ने पहले कहा था कि अगर दृश्यता 5000 तक पहुंच जाती है, जो खराब मौसम के कारण वर्तमान में 2000 है, तो आज दिल्ली में कृत्रिम वर्षा होगी. सेसना विमान ने कानपुर से उड़ान भरी. सिरसा ने बताया कि विमान आतिशबाज़ी की मदद से बादलों में बीज बोएगा, जिससे बारिश होगी. इससे वायु प्रदूषण में सुधार की उम्मीद है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यह इस तरह का पहला प्रयोग है.

मौसम विभाग ने पहले 28, 29 और 30 अक्टूबर को बादल छाए रहने की भविष्यवाणी की थी. इसी के चलते आज क्लाउड सीडिंग करने का फैसला लिया गया. आईआईटी कानपुर के नेतृत्व में दिल्ली सरकार की कृत्रिम वर्षा पहल, शहर में कई जगहों पर क्लाउड सीडिंग के परीक्षण कर रही है.

क्लाउड सीडिंग कैसे की जाएगी?

क्लाउड सीडिंग का सीधा सा मतलब है कि यह एक प्रकार की कृत्रिम बारिश होगी जो सीमित समय तक चलेगी. इस परियोजना पर अच्छी-खासी रकम खर्च की जाएगी. क्लाउड सीडिंग में विमान का इस्तेमाल करके बादलों में रसायनों का छिड़काव किया जाता है. ये रसायन पानी की बूंदें बनाते हैं, जो बारिश का कारण बनती हैं. राजधानी ने पाँच क्लाउड सीडिंग परीक्षणों के लिए कुल ₹3.21 करोड़ मंजूर किए हैं. अगर यह सफल रहा, तो क्लाउड सीडिंग दिल्लीवासियों को प्रदूषण से राहत दिला सकती है.

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