Home > धर्म > जगद्गुरु रामभद्राचार्य के हिसाब से क्या होता है ‘LOVE’ का असली मतलब? सुनकर करोड़ों युवकों की खुल जाएंगी आंखें

जगद्गुरु रामभद्राचार्य के हिसाब से क्या होता है ‘LOVE’ का असली मतलब? सुनकर करोड़ों युवकों की खुल जाएंगी आंखें

Jagadguru Rambhadracharya: जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने LOVE का असली मतलब समझाया है. जिसके बारे में जानकर करोड़ों युवक की मागर्दशन मिलेगा.

By: Sohail Rahman | Published: October 26, 2025 9:29:49 PM IST



Jagadguru Rambhadracharya: पद्म विभूषण पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी ने ‘LOVE’ की असली परिभाषा को बताकर आधुनिक युग में अपने रास्ते से भटक चुके करोड़ों युवक-युवतियों को सही रास्ता दिखाने का कमा किया है. दरअसल, परम पूज्य जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज के अनुसार ‘LOVE’ का अर्थ केवल प्रेम तक ही सीमित नहीं है, यह ईश्वर से जुड़ाव और सेवा का भी प्रतीक है. उन्होंने समझाया कि सच्चा प्रेम निस्वार्थ सेवा और समर्पण से उत्पन्न होता है, जो दूसरों के प्रति करुणा और दया को जागृत करता है.

जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी ने LOVE का फूल फॉर्म क्या बताया?

अपने प्रवचन के दौरान जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी ने कहा कि अंग्रेजी शब्द ‘LOVE’ के विभिन्न अर्थ हैं. उन्होंने LOVE के चार अक्षरों: L, O, V और E के विभिन्न अर्थों की व्याख्या की. उन्होंने LOVE की असली परिभाषा को समझाते हुए कहा कि L का अर्थ होता है ‘Lake of tears’ अगर इसका हिंदी में अर्थ बताए तो इसका हिंदी में अर्थ ‘आंसुओं की झील होती है, इसके अलावा LOVE के दूसरे अक्षर O का अर्थ ‘Ocean of sorrows’. जिसका हिंदी में अर्थ ‘दुखों का सागर’ होता है. इसके अलावा, LOVE के तीसरे अक्षर V को Valley of death बताया, जिसका हिंदी में अर्थ मृत्यु की घाटी होता है. इसके अलावा, LOVE के चौथे अक्षर E को End of life बताया, जिसे हिंदी में जीवन का अंत होता है. इससे आगे कुछ भी नहीं है.

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कौन हैं  स्वामी रामभद्राचार्य जी?

पद्म विभूषण पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी वर्तमान समय में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनका नाम बड़े आदर और श्रद्धा से लिया जाता है. वे अपनी शिक्षा, विद्वत्ता और 22 भाषाएं बोलने की क्षमता रखते हैं. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने यह सब दो महीने की उम्र से ही अंधे होने के बावजूद हासिल किया. वे अक्सर अपनी राम कथाओं और प्रवचनों के माध्यम से लोगों को ज्ञान और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं. इसी संदर्भ में उन्होंने प्रेम का सच्चा अर्थ भी समझाया है. हालांकि, महाराज जी कहते हैं कि “प्रेम” का अर्थ केवल प्रेम तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह परम प्रेम, ईश्वर से जुड़ाव और सेवा को भी दर्शाता है. 

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