Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है. 6 नवंबर को बिहार में पहले चरण का मतदान होगी. मतदान शुरू होने में आज से कवल 10 दिन का समय बचा है.लेकिन विपक्षी नेता राहुल गांधी अभी तक चुनावी मैदान में नहीं उतरे हैं. राहुल गांधी ने आखिरी बार 1 सितंबर को राज्य का दौरा किया था और पटना में अपनी “मतदाता अधिकार यात्रा” का समापन किया था. इस यात्रा ने 15 दिनों में 1,300 किलोमीटर और 20 ज़िलों की यात्रा की. उसके बाद से उन्होंने बिहार का दौरा नहीं किया है. हालांकि, तेजस्वी यादव इस बीच दिल्ली ज़रूर गए थे, जहाँ उन्होंने कथित तौर पर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में अपने नाम की घोषणा की माँग की थी.
उम्मीदवारों ने राहुल गांधी से किया ये अनुरोध
कई कांग्रेस उम्मीदवारों ने पार्टी आलाकमान और राहुल गांधी के कार्यालय से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार करने का अनुरोध किया है. सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी की अनुपस्थिति ने स्थानीय कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है. हालाँकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि महागठबंधन के भीतर ज़्यादातर मुद्दों के सुलझ जाने के बाद, राहुल गांधी अगले हफ़्ते बिहार में अपना चुनाव अभियान शुरू कर सकते हैं.
तेजस्वी के नाम पर खुश नहीं था कांग्रेस
कांग्रेस ने शुरुआत में तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राजद की उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग को मानने से इनकार कर दिया था. कांग्रेस को डर था कि एक नए मामले में तेजस्वी यादव पर आरोप लगने के बाद उनके नाम की घोषणा करना पार्टी और गठबंधन दोनों के लिए अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा.
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अशोक गहलोत को भेजा गया बिहार
कांग्रेस आलाकमान ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बिहार भेजा. उन्होंने बिहार की राजधानी पटना में लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की और उसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव के नाम की घोषणा की.
बता दें कि ‘इंडी’ गठबंधन में तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया है. जबकि गठबंधन ने निषाद नेता और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री बनाने का वादा किया है.