Home > धर्म > Chhath Puja 2025 : आखिर क्यों नाक तक सिंदुर लगाती है महिलाएं, क्या है इसके पीछे की वजह?

Chhath Puja 2025 : आखिर क्यों नाक तक सिंदुर लगाती है महिलाएं, क्या है इसके पीछे की वजह?

Chhath Puja sindoor tradition 2025 : छठ पर्व सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का पावन उत्सव है. इसमें महिलाएं नाक से मांग तक नारंगी सिंदूर लगाकर पति की लंबी उम्र, तरक्की और सुहाग की रक्षा की कामना करती हैं.

By: sanskritij jaipuria | Published: October 24, 2025 1:02:47 PM IST



Chhath Puja 2025 Sindoor Ritual : भारत में छठ पर्व का काफी महत्व है. ये पर्व खासतौर पर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित चार दिनों का कठोर तप और आस्था से भरा पर्व है. इसमें व्रती आत्मशुद्धि, संयम और निष्ठा के साथ सूर्य की उपासना करते हैं.

छठ पर्व में व्रती डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. ये अनुष्ठान जीवन में ऊर्जा, समृद्धि और आरोग्य की कामना के लिए किया जाता है. इस दौरान महिलाएं जल में खड़ी होकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करती हैं. छठ पूजा का हर अनुष्ठान प्रकृति और मानव के बीच के गहरे संबंध को दर्शाता है.

नाक से मांग तक सिंदूर लगाने की परंपरा

छठ पूजा के समय शादीशुदा महिलाएं नाक से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर लगाती हैं. ये परंपरा केवल श्रृंगार का प्रतीक नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास का भी प्रतीक है. ऐसा माना जाता है कि नाक से लेकर सिर तक सिंदूर लगाने से पति की आयु लंबी होती है और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

नारंगी सिंदूर का महत्व

छठ पूजा के दौरान महिलाएं नारंगी रंग का सिंदूर लगाती हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार नारंगी रंग सूर्य देव की लालिमा और ऊर्जा का प्रतीक है. ये रंग निरंतर चमक और उत्साह का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इस रंग का सिंदूर लगाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और तेज का संचार होता है.

सुहाग की रक्षा और पति की तरक्की का प्रतीक

लोक आस्था के अनुसार, मांग में लगाया गया सिंदूर जितना लंबा होता है, पति की उम्र और तरक्की उतनी ही ज्यादा होती है. इसीलिए महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और उन्नति की कामना करते हुए सिंदूर को नाक से लेकर मांग तक भरती हैं. ये परंपरा न केवल धार्मिक विश्वास से जुड़ी है, बल्कि वैवाहिक जीवन के गहरे प्रेम और समर्पण की प्रतीक भी है.

हिंदू धर्म में सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है. छठ पूजा के दौरान इसे नाक से मांग तक लगाने का अर्थ केवल श्रृंगार नहीं, बल्कि सुहाग की रक्षा और वैवाहिक सुख की अभिव्यक्ति भी है. ये अनुष्ठान ये संदेश देता है कि आस्था और प्रेम, दोनों मिलकर जीवन को प्रकाशमय बनाते हैं.

 

Advertisement