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Chhath Puja 2025: पहली बार रख रही हैं छठ का व्रत, इन जरूरी बातों का रखें ध्यान, करें नियमों का पालन

Chhath Puja 2025 Vrat Important Rules: साल 2025 में छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर शनिवार के दिन नहाए खाए से हो रही है, जो 28 अक्टूबर संध्या अर्घ्य तक चलेगी. इस दौरान महिलाए निर्जला व्रत करती हैं. वहीं कई महिलाएं ऐसी भी होंगी, जो इस साल पहली बार छठ का व्रत कर रही हैं. ऐसे में उन्हें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने की जरूरत है.

By: chhaya sharma | Last Updated: October 24, 2025 12:33:47 PM IST



Chhath Puja 2025 Vrat Niyam: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के षष्ठी तिथि पर छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है. छठ पूजा का त्योहार चार दिन तक चलता है और इस दौरान विशेष पूजन और अनुष्ठान किया जाता है. साल 2025 में छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर शनिवार के दिन नहाए खाए से हो रही है, जो 28 अक्टूबर संध्या अर्घ्य तक चलेगी.

संतान की लंबी आयु के लिए किया जाता है छठ का व्रत 

छठ पूजा का व्रत संतान की लंबी आयु, परिवार की खुशहाली के लिए किया जाता है और महिलाए इसमें निर्जला व्रत रखती है. वहीं कई महिलाएं ऐसी भी होंगी, जो इस साल पहली बार छठ का व्रत (Chhath Puja 2025) कर रही हैं. ऐसे में उन्हें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने की जरूरत है. चलिए जानते हैं यहां क्या है छठ का व्रत रखने के निमय और पहली बार छठ का व्रत रख रही महिलाों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

क्या है छठ का व्रत रखने के नियम (Chhath Puja Vrat Niyam)

छठ पूजा का व्रत सबसे कठिन व्रतों में गिना जाता है. क्योंकि इस दौरान महिलाएं 36 घंटों का निर्जला व्रत करती हैं. वहीं शास्त्रों में छठ का व्रत करने के लिए कुछ नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करने से व्रत का पुर्ण फल मिलता है. चलिए जानते हैं यहां क्या है छठ का व्रत रखने के नियम 

  • छठ पूजा के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. कोशिश करें कि छठ पूजा के पूरे चार दिनों तक मंदिर और घर की पवित्रता बनाए रखें.
  • छठ पूजा का प्रसाद बनाते समय घरों में मिट्टी का चूल्हा और फिर उन चूल्हों का इस्तेमाल करना चाहिए, जिन पर हमेशा से छठ का प्रसाद बनता आया है.
  • छठ पूजा के 4 दिन तक तामसिक जैसे प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा आदि चीजों का सेवन नहीं ग्रहण नहीं करना चाहिए. घर के अन्य सदस्यों को भी इस नियम का पालन करना चाहिए.
  • छठ पूजा का प्रसाद बनाते हुए उन बर्तनों के इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जिनमें नॉनवेज बनाया गया हो. इसके अलावा छठ पूजा का प्रसाद बनाते हुए शीशे के बर्तनों के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए.
  • छठ पूजा के दौरान, जो महिलाए व्रत करती हैं उन्हें 4 दिनों तक जमीन पर ही सोना चाहिए. छठ में बांस से बने सूप और टोकरी का इस्तेमाल करना चाहिए.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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