Thailand pm paetongtarn suspended:थाईलैंड की प्रधानमंत्री पटोंगटॉर्न शिनावात्रा को एक फोन कॉल के कारण अपना पद खोना पड़ा है। थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने उन्हें अस्थायी रूप से पद से निलंबित कर दिया है। यह कॉल कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन से संबंधित थी, जिसमें कथित तौर पर कुछ संवेदनशील बातें सामने आई थीं। मंगलवार को थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने पटोंगटॉर्न के खिलाफ दायर याचिका को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया, जिसमें उन पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। अदालत ने 7-2 के बहुमत से उन्हें प्रधानमंत्री के पद से तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया।
कहां से शुरू हुआ विवाद?
यह विवाद 15 जून को हुए उस फोन कॉल से जुड़ा है, जिसमें पटोंगटॉर्न ने कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन से बातचीत के दौरान थाई सेना के एक शीर्ष कमांडर की आलोचना की थी। उन्होंने हुन सेन को चाचा कहकर संबोधित किया था और यह बात लीक हो गई थी। इस कॉल को सीमा विवाद को सुलझाने का कूटनीतिक प्रयास बताया गया था, लेकिन इसका विपरीत असर हुआ। सेना और राजनीतिक संकट पर टिप्पणी थाईलैंड में सेना की भूमिका काफी प्रभावशाली मानी जाती है। ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा सेना पर की गई निजी टिप्पणी को सेना और विपक्ष ने गंभीरता से लिया, इस लीक के बाद न केवल सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन हुए बल्कि एक बड़ी पार्टी ने पैटोंगटर्न की गठबंधन सरकार से समर्थन भी वापस ले लिया। इस राजनीतिक संकट के बीच मंगलवार को थाई राजा महा वजीरालोंगकोर्न ने कैबिनेट में फेरबदल को मंजूरी दे दी, जो पार्टी के सरकार से बाहर होने के कारण जरूरी हो गया था।
कौन हैं हुन सेन ?
हुन सेन कंबोडिया की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं। उन्होंने करीब चार दशक तक देश पर राज किया है। वे 1985 से 1993 तक और फिर 1998 से 2023 तक कंबोडिया के प्रधानमंत्री रहे। अगस्त 2023 में उन्होंने अपने बेटे हुन मानेट को सत्ता सौंप दी, लेकिन वे अभी भी कंबोडिया की सत्तारूढ़ पार्टी के प्रमुख और सीनेट के अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर हैं।
कौन होगा कार्यवाहक प्रधानमंत्री
फिलहाल उप प्रधानमंत्री सूर्या जुंगरुनरुआंगकिट को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाए जाने की संभावना है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पटोंगटर्न ने कहा है कि वह अदालत के आदेश का पालन करेंगी, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि वह अपने काम में कोई बाधा नहीं चाहती हैं। प्रधानमंत्री शिनावात्रा पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की बेटी हैं। थाकसिन खुद 2006 में सैन्य तख्तापलट के बाद सत्ता से हटा दिए गए थे और तब से उनका परिवार थाईलैंड की राजनीति में लगातार विवादों में घिरा रहा है। शिनावात्रा की सरकार को भी शुरू से ही सेना और रूढ़िवादी ताकतों के विरोध का सामना करना पड़ा है।