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संजय दत्त हथियारों को लेकर क्रेजी थे, अबू सलेम ने टेम्पो भरकर भेजे-इस शख्स की बातों ने उड़ाई फैंस की नींद

1993 मुंबई बम ब्लास्ट केस में संजय दत्त पर ये आरोप था कि उन्होंने अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम से अवैध हथियार लिए थे.

By: Kavita Rajput | Published: October 22, 2025 10:43:02 AM IST



राज्यसभा सदस्य उज्जवल (Ujjwal Nikam) निकम ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में एक्टर संजय दत्त (Sanjay Dutt) से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है. दरअसल, उज्जवल से इस पॉडकास्ट के दौरान 1993 मुंबई बम ब्लास्ट केस से जुड़े कुछ सवाल पूछे गए थे. उज्जवल उस दौरान पब्लिक प्रोसिक्यूटर थे, पॉडकास्ट के दौरान जब पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि संजय दत्त की मुंबई बम ब्लास्ट मामले में संलिप्तता थी ? तब उन्होंने कहा कि, ‘नहीं मुझे नहीं लगता कि संजय दत्त इस केस में इन्वॉल्व थे’. हालांकि, इसके बाद उज्जवल निकम ने 93 बलास्ट केस से जुड़े कई सनसनीखेज खुलासे किए. आइये जानते हैं पॉडकास्ट के दौरान उन्होंने और क्या बताया. 

संजय दत्त हथियारों को लेकर क्रेजी थे, अबू सलेम ने टेम्पो भरकर भेजे-इस शख्स की बातों ने उड़ाई फैंस की नींद
संजय को था हथियारों का शौक 
उज्जवल ने कहा कि संजय को ब्लास्ट्स के बारे में कुछ भी नहीं पता था. संजय को आर्म्स एक्ट में पकड़ा गया था उनके पास से AK-56 असॉल्ट राइफल मिली थी. उज्जवल के अनुसार, संजय हथियारों को लेकर क्रेजी थे हालांकि संजय पर ये आरोप था कि उन्होंने अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम से अवैध हथियार लिए थे. उज्जवल ने ये भी बताया कि ब्लास्ट्स से पहले अबू सलेम एक टेम्पो भरकर हथियार लाया था संजय ये बात जानते थे, उन्होंने एक रायफल अपने पास रखी और बाकी हथियार वापस कर दिए. इस मामले में अबू सलेम को भी 7 साल की सजा सुनाई गई थी. 

संजय दत्त हथियारों को लेकर क्रेजी थे, अबू सलेम ने टेम्पो भरकर भेजे-इस शख्स की बातों ने उड़ाई फैंस की नींद

 बाल ठाकरे ने कहा कि वो निर्दोष है 
उज्जवल से जब ये पूछा गया कि क्या संजय के खिलाफ केस लड़ते समय उनके ऊपर किसी तरह का कोई प्रेशर था. इसके जवाब में उज्जवल ने कहा कि नहीं कोई प्रेशर नहीं था. उन्होंने ये भी बताया कि एक बार इसी मामले पर बाल ठाकरे ने उनसे ये ज़रूर कहा था कि वो इनोसेंट है, उसे जाने दो. उज्जवल के अनुसार, बाल ठाकरे बेहद सिंपल और दिल के साफ़ सच्चे व्यक्ति थे. कोई भी उनके पास जाता और ये कहता कि उसके साथ अन्याय हुआ है तो वे उसकी बात ज़रूर सुना करते थे.

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