Apple को चीन में नया झटका लगा है. चीन, जो Apple का एक बड़ा मार्केट है, वहां 55 iPhone और iPad यूजर्स ने कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. उनका आरोप है कि Apple अपने बाजार शक्ति का दुरुपयोग कर रहा है और चीन के एंटी-मोनोपोली कानूनों का उल्लंघन कर रहा है.
यूजर्स की मुख्य शिकायतें
शिकायत करने वाले यूजर्स के वकील वांग कियोंगफेई के अनुसार, आरोप है कि Apple उन्हें डिजिटल सामान केवल अपने इन-हाउस पेमेंट सिस्टम (In-App Purchase – IAP) के जरिए खरीदने के लिए मजबूर करता है. इसका मतलब है कि जब भी यूजर कोई चीज़ खरीदते हैं- जैसे गेम अपडेट या किसी सर्विस का सब्सक्रिप्शन—Apple को 30% तक कमीशन मिलता है. इसके अलावा, यूजर्स का कहना है कि Apple ऐप डाउनलोड केवल अपने App Store तक सीमित करता है, जिससे दूसरे प्लेटफॉर्म्स iOS ऐप्स ऑफर नहीं कर सकते. उनका तर्क है कि Apple का चीन में ऐप वितरण पर कड़ा नियंत्रण इसे एक वर्चुअल मॉनोपोली देता है.
अन्य देशों से तुलना
यूजर्स का कहना है कि यह अन्य देशों की तुलना में अनुचित है. यूरोप और अमेरिका में Apple ने नियम थोड़े ढीले किए हैं, जहां रेगुलेटर्स ने कंपनी को वैकल्पिक ऐप स्टोर और पेमेंट सिस्टम की अनुमति देने पर मजबूर किया. चीन में यूजर्स को अभी भी Apple के सिस्टम में लॉक किया गया है, जो उन्हें अन्य देशों की तरह डिजिटल स्वतंत्रता नहीं देता.
पुराने केस और नया मौका
यह पहला मौका नहीं है जब चीन में ऐसे मामले सामने आए हों. वकील वांग कियोंगफेई ने 2021 में भी एक समान केस लड़ा था, लेकिन शंघाई की कोर्ट ने पिछले साल इसे खारिज कर दिया. फिर भी, इस नई शिकायत को ज्यादा ध्यान मिलने की संभावना है, क्योंकि दुनिया भर में सरकारें अब बड़ी टेक कंपनियों के डिजिटल मार्केट पर नियंत्रण की कड़ी निगरानी कर रही हैं.
संभावित प्रभाव
अगर चीन का मार्केट रेगुलेटर इस केस को गंभीरता से लेता है, तो Apple को दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन मार्केट में नियम बदलने के लिए मजबूर किया जा सकता है. यह कदम अन्य देशों में भी कंपनी की नीतियों को प्रभावित कर सकता है. संक्षेप में, चीन के iPhone यूजर्स वही डिजिटल स्वतंत्रता चाहते हैं, जो अब अन्य देशों में iPhone यूजर्स को मिल रही है.