Raebareli Crime News: उत्तर प्रदेश के रायबरेली से एक बार फिर से इंसानियत को शर्मसार करने वाली दर्दनाक घटना सामने आई है. जहां, एक 40 साल के दलित व्यक्ति को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि ग्रामीणों ने मृतक दलित को ‘ड्रोन चोर’ समझ लिया था. आखिर कब और कैसे हुई यह पूरी वारदात जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर.
आखिर क्या है पूरा मामला:
यह मामला 2 अक्टूबर की रात का है. जहां, गांव में एक तरह का धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था, तभी यह अफवाह फैल गई कि चोरों का एक गिरोह ड्रोन के जरिए इलाके की रेकी करने आया है. ग्रामीणों ने हरिओम वाल्मीकि को गलती से चोर समझ लिया और देखते ही देखते भीड़ इतनी हिंसक हो गई कि ग्रामीणों ने बिना सोचे समझे ही दलित व्यक्ति हरिओम की बेरहमी से पिटाई कर दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. वारदात के ठीक अगले ही दिन इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद पूरे प्रदेशभर में यह राजनेताओं के लिए देखते ही देखते ही एक बड़ा मुद्दा बन गया.
घटना पर प्रशासन का एक्शन:
पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए मुख्य आरोपी समेत 16 लोगों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है. तो वहीं, शनिवार को भी अजय अग्रहरि और अखिलेश मौर्य नाम के दो आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है. इसके अलावा लापरवाही बरतने के आरोप में फिलहाल, दो सब-इंस्पेक्टरों समेत पांच पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है.
घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रिया और मदद:
इस वारदात के बाद विपक्षी दलों, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने बीजेपी सरकार पर कड़ा निशाना साधा है. विपक्षी दलों ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि दलितों की सुरक्षा में विफलता और भीड़ हिंसा को रोकने में बीजेपी एक बार फिर से नाकाम साबित हो गई है.
मृतक हरिओम की पत्नी संगीता ने 11 अक्टूबर को लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. जहां, मुख्यमंत्री ने उनके परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया और साथ ही मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत घर, एक स्थायी नौकरी, और कल्याणकारी योजनाओं में प्राथमिकता देने की भी बात कही है.
वहीं, इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी फतेहपुर में मृतक के परिवार से मुलाकात की और ट्वीट करते हुए लिखा कि “क्या इस देश में दलित होना अब भी एक तरह का जानलेवा अपराध है?” इस घटना ने एक बार फिर से अफवाहों से भड़कने वाली भीड़ हिंसा पर गहरे सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है.