Meta (Facebook की पेरेंट कंपनी) ने एक नया AI-पावर्ड फीचर लॉन्च किया है, जो आपके फोन की कैमरा रोल में छिपी पुरानी तस्वीरों को ढूंढकर उन्हें सुंदर एडिट्स, कोलाज या वीडियो हाइलाइट्स में बदल देता है. ये फीचर इस समय अमेरिका और कनाडा के Facebook यूजर्स के लिए उपलब्ध है और आने वाले महीनों में इसे और देशों में रोलआउट किया जाएगा. लेकिन इस फीचर का असली ट्विस्ट ये है- यह आपके Facebook पर अपलोड किए गए फोटो नहीं बल्कि आपके फोन में सेव निजी फोटो और वीडियो तक पहुंच मांगता है!
कैसे काम करता है यह Meta AI फीचर?
Meta का कहना है कि अगर आप इस फीचर को “ऑन” करते हैं, तो यह आपके फोन की कैमरा रोल में मौजूद सभी फोटो और वीडियो को Meta के क्लाउड सर्वर पर अपलोड करता है. फिर AI इन तस्वीरों को स्कैन करके आपके लिए “Hidden Gems” यानी बेहतरीन या भूल चुके पलों को ढूंढता है. इसके बाद यह आपको सुझाव देता है- जैसे कोलाज, फोटो एडिट्स या छोटे वीडियो हाइलाइट्स जिन्हें आप Facebook पर सीधे शेयर कर सकते हैं. Meta के मुताबिक, यह एक “क्रिएटिव हेल्प” है ताकि यूजर्स अपनी पुरानी यादों को फिर से देख सकें, लेकिन इसमें प्राइवेसी को लेकर चिंता भी बढ़ गई है.
क्या Meta आपकी फोटो का इस्तेमाल अपनी AI ट्रेनिंग में करेगा?
Meta ने कहा है कि अगर आप यह फीचर इस्तेमाल करते हैं, तो आपकी मीडिया फाइलें उसके क्लाउड में अपलोड होंगी ताकि AI आपको क्रिएटिव आइडिया दे सके. कंपनी का दावा है कि यह डेटा “ad targeting” यानी विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल नहीं होगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है- क्या ये फोटो Meta की AI को ट्रेन करने में इस्तेमाल होंगे? पहले भी Meta ने ऐसा एक फीचर जून 2025 में टेस्ट किया था, और तब कहा गया था कि यूजर की प्राइवेट फोटो AI ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल नहीं की जाएंगी. लेकिन कंपनी ने यह भी साफ नहीं कहा था कि वह भविष्य में ऐसा कभी नहीं करेगी.
Meta की सफाई क्या है?
Meta की प्रवक्ता Mari Melguizo ने इस मामले पर कहा- “कैमरा रोल से जो मीडिया सिर्फ सुझाव बनाने के लिए अपलोड होती है, उसे AI ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. लेकिन अगर आप उन सुझावों को AI टूल्स से एडिट करते हैं या Facebook पर शेयर करते हैं, तो वह डेटा Meta की AI सुधारने में मदद कर सकता है.”
मतलब साफ है- अगर आप सिर्फ फोटो स्कैन करने देते हैं तो डेटा AI ट्रेनिंग में नहीं जाएगा, लेकिन अगर आप AI के दिए एडिट्स पर क्लिक करके कुछ शेयर करते हैं, तो आपकी फोटो Meta की AI को सिखाने में इस्तेमाल हो सकती है.
क्लाउड में फोटो कितने दिन तक रहेंगी?
Meta ने कहा है कि यह फीचर “आपकी कैमरा रोल से मीडिया चुनकर उसे लगातार हमारे क्लाउड में अपलोड करेगा.” जून के टेस्ट फेज में कंपनी ने माना था कि कुछ डेटा 30 दिन से ज्यादा समय तक रखा जा सकता है. अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह पॉलिसी अभी भी वही है या नहीं.
ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले साल Meta ने यह माना था कि उसकी AI को 2007 से अब तक Facebook और Instagram पर डाले गए सभी पब्लिक फोटो और टेक्स्ट से ट्रेन किया गया है. इससे यह साफ होता है कि भविष्य में कंपनी निजी डेटा को भी शामिल कर सकती है.
आपको क्या करना चाहिए?
अगर आप प्राइवेसी को लेकर सतर्क हैं, तो इस फीचर को “Allow” करने से पहले सोचें. यह फीचर आपके लिए क्रिएटिव पोस्ट बना सकता है, लेकिन इसके साथ आपके डाटा स्टोरेज और AI ट्रेनिंग पर Meta का एक्सेस भी बढ़ जाएगा.