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गले की सूजन से आवाज बदलती है? ये वजह सुनकर यकीन करना मुश्किल होगा!

क्या आपने कभी सोचा है कि सर्दी या जुकाम में आपकी आवाज अचानक भारी, फटी या बदल क्यों जाती है? क्या यह सिर्फ थकान है या आपके गले में कुछ छुपा हुआ कारण है? जानिए कैसे वोकल कॉर्ड्स की सूजन आपकी आवाज को पूरी तरह बदल देती है!

By: Anuradha Kashyap | Published: October 19, 2025 6:22:52 AM IST



क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि सर्दी या जुकाम के दौरान आपकी आवाज अचानक भारी, कर्कश या बिल्कुल अलग क्यों लगती है? कभी-कभी तो आवाज इतनी बदल जाती है कि खुद आपको भी पहचान में नहीं आती दरअसल, यह कोई साधारण बदलाव नहीं है, बल्कि शरीर के अंदर चल रही एक दिलचस्प प्रोसेस का नतीजा है. सर्दी के दौरान गले में सूजन, बलगम और खांसी जैसे कारक मिलकर वोकल कॉर्ड्स यानी स्वर-तंत्रिकाओं के कामकाज को प्रभावित करते हैं, ये स्वर-तंत्रिकाएं हवा के कंपन से आवाज पैदा करती हैं और जब इनमें कोई परेशानी आती है, तो आपकी आवाज में बदलाव दिखाई देने लगता है.

गले की सूजन (Swelling) है सबसे बड़ी वजह

सर्दी या वायरल इन्फेक्शन सिर्फ नाक और गले तक ही सीमित नहीं रहते, यह वोकल कॉर्ड्स (vocal cords) पर भी असर डालते हैं. स्वर-तंत्रिकाएं गले में होती हैं, जो हवा के साथ कंपन करके आवाज बनाती हैं, जब इनमें सूजन आ जाती है, जिसे लैरिंजाइटिस कहा जाता है, तो ये मोटी और भारी हो जाती हैं. इसका असर यह होता है कि उनका कंपन धीमा पड़ जाता है और आवाज गहरी या बैठी हुई सुनाई देती है, इसलिए जुकाम के दौरान आपकी आवाज अचानक बदल जाती है.

म्यूकस यानी बलगम भी करता असर 

सर्दी के दौरान गले में जमा होने वाला बलगम आपकी आवाज पर काफी असर करता है, यह परत वोकल कॉर्ड्स पर चिपक जाती है, जिससे वे खुलकर कंपन नहीं कर पातीं, परिणामस्वरूप आवाज में खराश, बेमेल स्वर या भारीपन महसूस होता है. कई बार सर्दी ठीक हो जाने के बाद भी बलगम लंबे समय तक बना रहता है, जिससे आवाज नॉर्मल होने में देरी हो सकती है, इसलिए म्यूकस को पतला रखने के लिए दिनभर पर्याप्त पानी पीना और ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है.

खांसी और बार-बार गला साफ करना नुकसानदेह

सर्दी में अक्सर हम बार-बार खांसते या गला साफ करते हैं, यह आदत वोकल कॉर्ड्स पर अतिरिक्त दबाव डालती है और उनकी थकान बढ़ाती है परिणामस्वरूप आवाज फटी, थकी या कर्कश सुनाई देने लगती है, खासकर लंबी खांसी के दौरान स्वर-तंत्रिकाओं पर तनाव और सूजन बढ़ जाती है इसलिए बेहतर है कि जब तक आवाज ठीक न हो, धीरे बोलें और जरूरत से ज्यादा गला न साफ करें.

भारी सुनाई देने वाली आवाज का कारण

जब वोकल कॉर्ड्स सूज जाती हैं, तो उनकी मोटाई और आकार बढ़ जाता है, ठीक वैसे ही जैसे मोटी गिटार की तान से गहरी आवाज निकलती है. सूजी हुई स्वर-तंत्रिकाएं धीरे कंपन करती हैं और उनकी फ्रीक्वेंसी घट जाती है, जिससे आवाज भारी सुनाई देती है.

आवाज को जल्दी ठीक करने के आसान उपाय

आप अपनी आवाज को जल्दी सामान्य करने के लिए कुछ आसान कदम उठा सकते हैं।, दिनभर पानी पीएं और गले को नम रखें. अगर संभव हो तो कमरे में ह्यूमिडिफायर चलाएं, जिससे बलगम पतला हो और वोकल कॉर्ड्स आराम करें, बोलते समय धीरे बोलें और फुसफुसाने से बचें दो से तीन हफ्तों में आवाज में सुधार न आए, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.

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