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जलाकर या दफनाकर? Premanand Ji महाराज ने अपने अंतिम संस्कार पर की ऐसी बात

Premanand Ji Video: प्रेमानंद जी महाराज के अक्सर ही सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते रहते हैं. हाल में भी महाराज जी का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह अपने अंतिम संस्कार के बारे में बात करते दिखाई दे रहे हैं.

By: Prachi Tandon | Published: October 18, 2025 6:04:11 PM IST



Premanand Ji Maharaj Viral Video: प्रेमानंद जी महाराज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उनकी ख्याति सिर्फ देश ही नहीं, दुनियाभर में देखने को मिलती है. खेल से लेकर मनोरंजन जगत के लोग प्रेमानंद जी से मिलने और धर्म का ज्ञान लेने आते हैं. हाल में प्रेमानंद महाराज जी की तबीयत काफी खराब हो गई थी, जिसके बाद उनके भक्तजन काफी परेशान हो गए थे. प्रेमानंद जी खराब तबीयत को लेकर कई तस्वीरें और वीडियो भी इंटरनेट पर वायरल हुईं. वहीं, अब एक वीडियो ऐसा सामने आया है जिसमें प्रेमानंद जी अपने अंतिम संस्कार पर बात करते दिखाई दे रहे हैं. 

प्रेमानंद जी ने अपने अंतिम संस्कार पर की बात

वायरल वीडियो में प्रेमानंद जी महाराज से सवाल पूछा जाता है कि आपका अंतिम संस्कार वैष्णव पद्धति से होना चाहिए या सन्यास पद्धति से होना चाहिए. इस सवाल पर वृंदावन के संत प्रेमानंद जी कहते हैं, जो हंस था वो तो परमहंस में मिल गया, अब पिंजड़े का चाहे जो कुछ करो. जब हम परमात्मा को प्राप्त हो गए तो हमारे शरीर को चाहे गाड़ दो या फूंक दो, चाहे जो कुछ करो उससे कोई मतलब नहीं होता. यह शरीर न सन्यासी का है और न वैष्णव है. मन सन्यासी है मन वैष्णव है. मन परमात्मा में मिल गया तो शरीर की कोई भी गति हो. 

प्रेमानंद जी महाराज की बात सुन हैरान रह गए भक्त 

प्रेमानंद जी महाराज आगे कहते हैं, ऐसे परमहंस हुए जिनका न कोई शिष्य था और न कोई जानता था तो उनका दाह संस्कार कौन करेगा, कौन उनको जल समाधि देगा. जहां शरीर छूटा है वहीं पड़ा है, चाहे कुत्ते खा गए या पशु-पक्षी खा गए, या वहीं पड़े-पड़े सड़ गया. आप सन्यास पद्धति से ही अंतिम संस्कार करवाओ, मन प्रेम में जाने दो और शरीर संसार में जाने दो. 

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प्रेमानंद जी महाराज की दोनों किडनियां हैं खराब

बता दें, प्रेमानंद जी महाराज की दोनों किडनियां काफी लंबे समय से खराब हैं. उनका डायलिसिस चल रहा है. ऐसे में जब उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ती है, तो उनके भक्तों को चिंता सताने लगती है. कई भक्तों ने तो अपनी किडनी प्रेमानंद जी महाराज को देने की बात कही है लेकिन, वह मना कर रहे हैं. प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि उनकी जिंदगी के जितने दिन हैं वह उतने दिन ही इस संसार में रहेंगे.  

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