कौन हैं प्रेमानंद जी महाराज?
Premanand ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन के एक प्रसिद्ध संत हैं, जो राधा-कृष्ण के भक्त हैं और राधावल्लभ संप्रदाय से जुड़े हैं, उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है महाराज जी का जन्म एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनका पूरा परिवार भगवान के प्रति समर्पित रहा है. प्रेमानंद महाराज जी का जन्म स्थान सरसौल ब्लॉक, अखिरी गांव, कानपुर, उत्तर प्रदेश में सन 1972 में हुआ और उन्होंने बचपन में ही संन्यास ले लिया था. वे अपने सत्संग और प्रवचनों के लिए जाने जाते हैं और उनका श्री हित राधाकेली कुंज नामक आश्रम वृंदावन में है.आपको यह बात सुनके हैरान हो जायेंगे की प्रेमानंद जी महाराज जी की भक्ति का ही असर है कि सालों से किड़नी की समस्या से जूझने के बाद भी वह रोजाना अपने भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए आश्रम चलकर आते हैं. और उन लोगों की संख्या कम नहीं है जो की प्रेमानंद जी को भगवान का अवतार मानते हैं.
प्रेमानंद जी महाराज ने क्या कहा?
प्रेमानंद जी महाराज ने राधा नाम के जप और स्मरण को भक्तिमार्ग का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा माना.महाराज जी ने कहा है की ‘राधा नाम सबका मंगल करेगा, सबको जीवनदान देगा, सबकी कामनाएं पूरी करेगा प्रेमानंद चला जायेगा लेकिन राधा नाम नहीं जायेगा उन्होंने कहा प्रेमानंद के द्वारा गाया गया नाम की छाप जग-जग में रहेगी’.
प्रेम और भक्ति का प्रतीक है राधा नाम.
राधा का नाम सहज ही प्रेम, भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक बन चुका है. बड़ा ही अद्भुत और सुंदर नाम है राधा. भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका के तौर पर राधा का नाम संसार में प्रेम की अनमोल मिसाल बन चुका है. राधा का नाम लेते ही मन में प्यार, समर्पण और श्रद्धा का संचार होता है. यह नाम आत्मा को एक अद्भुत शक्ति देता है, जो जीवन के हर संघर्ष में हमें सहारा देता है,
श्री राधा जी के 28 नाम कौन कौन से हैं
यह राधा जी 28 नामों की सूची है – राधा, रासेश्वरी, रम्या, कृष्णमत्राधिदेवता, सर्वाद्या, सर्ववन्द्या, वृन्दावनविहारिणी, वृन्दाराधा, रमा, अशेषगोपीमण्डलपूजिता, सत्या, सत्यपरा, सत्यभामा, श्रीकृष्णवल्लभा, वृषभानुसुता, गोपी, मूल प्रकृति, ईश्वरी, गान्धर्वा, राधिका, आरम्या, रुक्मिणी, परमेश्वरी, परात्परतरा, पूर्णा, पूर्णचन्द्रविमानना, भुक्ति-मुक्तिप्रदा और भवव्याधि-विनाशिनी शामिल हैं. मान्यता के अनुसार जप करने से हर मनोकामना पूरी होती है.